West Bengal cyber crime latest Hindi news : साइबर अपराध के बढ़ते मामले को लेकर लोग हलकान है। कब और कहां इनकी गिरफ्त में आकर कौन अपनी गाढ़ी कमाई लुटा बैठे, कहना मुश्किल है। इसपर शिकंजा कसने को जहां विभिन्न राज्यों की पुलिस तरह-तरह के उपक्रम लगा रही है तो साइबर ठग बार-बार उनके चक्रव्यूह को तोड़कर ठगी का नए हथकंडे अपना रहे हैं। साइबर ठगों की इस कारस्तानी का सबसे बड़ा अड्डा झारखंड के जामताड़ा से निकलकर ये ठग अब राज्य के विभिन्न कोनों में अपना जाल फैला लिया है। संगठित अपराध का शक्ल लेते जा रहा साइबर ठगी का यह गोरखधंधा अब घटने के बजाय बढ़ता ही चला रहा है। इसमें सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है।
सोशल मीडिया से जुड़े हैं 50 प्रतिशत से अधिक मामले
कोलकाता पुलिस का दावा है कि साइबर अपराध से जुड़े 50 प्रतिशत से अधिक मामलों की संबद्धता सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने वाले कंटेंट से जुड़े होते हैं। कोलकाता पुलिस के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से ठगी की जाने वाली घटनाओं की शिकायत सबसे अधिक आ रही हैं। इसी तरह साइबर ठगी की करीब 32 प्रतिशत घटनाएं ई- मेल मैसेज या कॉल के माध्यम से केवाईसी अपडेशन, क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड आदि के नाम पर उनके बैंक खाते से संबंधित जानकारी हासिल कर घटित की जा रही हैं। इसी तरह 10 प्रतिशत घटनाएं सेक्सटॉर्शन और 10 प्रतिशत आपराधिक घटनाएं हैकिंग से जुड़ी होती हैं।
एक वर्ष में आए 3,967 मामले
कोलकाता पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 में कोलकाता में 3,967 ऐसे मामले दर्ज किए गए जहां व्यक्ति ने साइबर पुलिस स्टेशन या फिर स्थानीय थाने को फोन कर घटना की जानकारी दी। इसी तरह 2022 में कोलकाता पुलिस को ऐसी 2700 शिकायतें मिलीं, जहां शिकायतकर्ताओं ने घटना की लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई। जहां तक साइबर ठगी के दर्ज मामलों की बात है, 2021 में 220 तथा 2022 में 212 शिकायतें दर्ज कराई गईं।