Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

आरजी कर कांड : पुलिस एफआईआर में ‘विलफुल रेप’ के कानूनी अर्थ को लेकर विवाद

आरजी कर कांड : पुलिस एफआईआर में ‘विलफुल रेप’ के कानूनी अर्थ को लेकर विवाद

Share this:

Kolkata News : आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की हत्या और बलात्कार मामले में दर्ज एफआईआर की भाषा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। एफआईआर में ‘विलफुल रेप’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जबकि कानून की भाषा में ‘इच्छाकृत बलात्कार’ जैसा कुछ नहीं होता। इस विवाद को लेकर आन्दोलनकारी डॉक्टरों और वकीलों का एक बड़ा वर्ग सवाल उठा रहा है।

टाला थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 52 के तहत ‘फर्स्ट कंटेंट्स’ कॉलम में लिखा है, ‘अननोन मिसक्रीएंट्स कमिटेड विलफुल रेप विद मर्डर’ ; यानी अज्ञात व्यक्तियों ने जान-बूझ कर बलात्कार और हत्या की। एफआईआर के अनुसार, घटनास्थल थाना से 750 मीटर की दूरी पर है और यह हत्या व बलात्कार सुबह 10:10 बजे से पहले किसी समय हुई है।

FIR की भाषा विवादास्पद

इस एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 64 और 103 (1) का जिक्र किया गया है। नये कानून के अनुसार, आईपीसी 64 बलात्कार की धारा है और 103 (1) हत्या की धारा है। साथ ही, एफआईआर में यह भी लिखा गया है कि “परिवार से प्राप्त शिकायत पत्र के आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गयी है। उसी शिकायत पत्र को एफआईआर माना गया है।’

इस एफआईआर की भाषा पर सवाल उठाते हुए आन्दोलनकारी डॉक्टर और कई वकीलों का कहना है कि ‘विलफुल रेप’ जैसी कोई कानूनी परिभाषा नहीं है। मृतक की मां का कहना है, ‘हमने पुलिस को दी गयी अपनी शिकायत में लिखा था कि हमारी बेटी के साथ जो क्रूरता हुई है, उसमें जो भी लोग शामिल हैं, उन सबको सजा दी जाये। फिर भी पुलिस ने एफआईआर में सिर्फ एक ही आरोपित का जिक्र क्यों किया?’ उनका मानना है कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, वह एक व्यक्ति के बस की बात नहीं थी।

वकीलों और आन्दोलनकारी डॉक्टरों ने इस संदर्भ में पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी जिक्र किया है। रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘जेनिटालिया में जबरन प्रवेश के मेडिकल सबूत मिले हैं, जो यौन हमले की आशंका का संकेत देते हैं।’ लेकिन पोस्टमार्टम में सीधे तौर पर बलात्कार का उल्लेख नहीं किया गया है।

एक आन्दोलनकारी डॉक्टर ने कहा, ‘पुलिस का कहना था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही एफआईआर दर्ज की जायेगी। लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार का कोई उल्लेख नहीं है। एक आरोपित है या एक से ज्यादा, यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है। फिर भी पुलिस ने ‘विलफुल रेप’ कैसे लिखा?’

वकील मिलन मुखोपाध्याय का कहना है, ‘विलफुल रेप जैसी कोई कानूनी परिभाषा नहीं है। यह अत्यन्त हास्यास्पद है। यह कोई कानूनी भाषा नहीं है। पुलिस ने ऐसा कैसे लिखा, यह समझ से बाहर है।’

सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है और एफआईआर में दर्ज भाषा की भी जांच की जा रही है। पुलिस और परिवार के सदस्यों से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है।

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस विवादास्पद एफआईआर की आगे क्या स्थिति रहती है और न्याय प्रक्रिया में इसे किस प्रकार से देखा जाता है।

Share this: