Kolkata News, Kolkata tram, West Bengal news, Tram used to be the pride of Kolkata : एक वक्त था कोलकाता की सैर पर जाने वाले लोग विक्टोरिया मेमोरियल, सेंट्रल लाइब्रेरी, चिड़ियाखाना के साथ-साथ कोलकाता की सड़कों पर चलने वाली ट्राम को जी भर देखने की इच्छा रखते थे। कभी कोलकाता की शान में शुमार ट्राम अब कोलकाता की बढ़ी हुई आबादी और भागमभाग के बीच विलुप्त होती जा रहा है। ट्रेन की शक्ल में यह ट्राम जब सड़कों पर बिछी पटरियों पर घंटी बजाते हुए गुजरती तो आगंतुक बरबस उसे देखने लग जाते और उसकी सवारी कर उसकी स्मृतियों को सहेज लेते, लेकिन अब वह पूर्व की भांति दौड़ती-भागती शायद ही दिख जाए।
कभी कोलकाता की 36 मार्गों पर दौड़ती थी ट्राम
कलकत्ता ट्राम यूजर एसोसिएशन (सीटीयूए) के अध्यक्ष देवाशिष भट्टाचार्य के अनुसार कभी कोलकाता की सड़कों पर कुल 36 मार्गों पर ट्राम दौड़ती थी। 2017-18 में यह 14 मार्गों पर सिमट आई। 2020 में ट्राम के मार्गों की संख्या सिर्फ पांच रह गई और आज यह सिर्फ तीन मार्गों से होकर अपने गंतव्य की ओर भागती नजर आती है। यह एसोसिएशन आज ट्राम के अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। 2025 में कोलकाता मेट्रो का काम पूरा होने के बाद ट्राम के एक-दो मार्ग फिर शुरू किए जा सकते हैं।
परिवहन मंत्री की दो टूट
परिवहन मंत्री स्नेहाशिष चक्रवर्ती के अनुसार शहर की कुल जमीन के केवल छह प्रतिशत हिस्से पर ही सड़कें हैं। इससे इतर कोलकाता की आबादी इतनी ज्यादा है और यहां की सड़कों पर वाहन इस कदर बढ़ गए हैं कि हर जगह ट्राम चलाना नामुमकिन सो हो गया है।’