पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़ित महिला को मिला न्याय, दो को उम्रकैद और एक को 10 साल की जेल
Howrah, West Bengal latest Hindi news : चलती रेलगाड़ी में 13 साल की किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में 8 साल बाद कोर्ट ने सजा सुनाई है। कोर्ट ने दो बीसएफ जवानों को उम्रकैद और एक को 10 साल की जेल में रहने की सजा सुनाई है। अदालत में इन अभियुक्तों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। हावड़ा कोर्ट के जस्टिस सौरभ भट्टाचार्य ने यह सजा सुनायी है। जुर्माने की राशि नहीं भरने पर इन अभियुक्तों को अतिरिक्त दो साल और एक साल की सजा काटनी होगी।
जानें क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि गत 27 दिसंबर 2015 को हावड़ा स्टेशन पर टिकट कटाकर एक 13 साल की किशोर हावड़ा-अमृतसर मेल में सवार हुई थी। ट्रेन में बीएसएफ के जवानों के लिए अलग बोगी होने से उसमें मौजूद जवानों पर भरोसा कर किशोरी उसी बोगी में जाकर बैठ गयी। आरोप है कि बोगी के अंदर मौजूद दो बीएसएफ जवानों ने पहले किशोरी को शराब पिलाई। जब वह नशे में हो गई तो बीएसएफ के तीन कर्मियों ने उससे दुष्कर्म किया। इस बीच हावड़ा से मधुपुर जीआरपी को किशोरी के ट्रेन में होने की खबर मिली। मधुपुर स्टेशन पर जीआरपी ने किशोरी का रेस्क्यू किया। तत्काल बीएसएफ के एक जवान को हिरासत में ले लिया गया। वहीं, बीएसएफ के दो जवान वहां से फरार हो गए। बाद में पुलिस ने उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया।
मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी
पीड़ित किशोरी की मेडिकल जांच कराने पर उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके बाद उसे हावड़ा ले जाया गया। चूकी यह मामला हावड़ा जीआरपी में दर्ज हुआ था। इसलिए मामले की सुनवाई हावड़ा की अदालत में हुई। दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद पीड़ित किशोरी का हावड़ा अस्पताल में इलाज कराया गया। टीआई परेड के दौरान किशोरी ने तीनों अभियुक्तों की की पहचान कर ली। कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस मामले में 18 लोगों ने गवाही दी। इनमें से अभियुक्त बालक राम यादव और संतोष कुमार को पोक्सो एक्ट के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई। वहीं मंजरी त्रिपाठी को अदालत ने 10 साल जेल की सजा सुनायी है। हावड़ा कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्तों को जमानत नहीं दी गयी थी।