West Bengal News : सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति घोटाले में कोर्ट में 30 सितंबर को चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें ममता सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी शहीद 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में अन्य अहम नामों में पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय, पूर्व सचिव अशोक साहा और स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व संयोजक एसपी सिन्हा शामिल हैं। केवल चटर्जी का नाम ED की भी चार्जशीट में शामिल है। चार्जशीट में चटर्जी का नाम सूची में छठे स्थान पर है। बता दें कि ईडी चार्जशीट में चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी समेत छह लोगों का नाम शामिल है। मामले में जांच शुरू करने के 51 दिनों के बाद सीबीआई ने चार्जशीट पेश की है।
TMC ने नहीं की कोई टिप्पणी
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि अगर कोई घोटालों का दोषी पाया जाता है तो कानून अपना काम करेगा और पार्टी इस मामले पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करेगी। सीपीएम के राज्यसभा सदस्य बिकाश भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को जांच प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए और घोटाले के आरोपियों को जल्द सजा मिलनी चाहिए। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि सीबीआई सही दिशा में जा रही है।
सर्वर में छेड़छाड़ कर अंको में हेरफेर
हाल ही में सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की पीठ में अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जहां यह बताया गया था कि पात्र उम्मीदवारों को वंचित करने वाले अपात्र उम्मीदवारों के लिए जगह बनाने के लिए डब्ल्यूबीएसएससी के सर्वर पर नंबरों से छेड़छाड़ कैसे की गई। अपनी रिपोर्ट में सीबीआई के अधिकारियों ने यह भी बताया कि सर्वर पर 0 से 5 के अंक 50 से 53 में बदल दिए गए। सीबीआई ने सहायक दस्तावेजों के रूप में मूल ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट की स्कैन की गई प्रतियां भी जमा की।