गांधीनगर जिले के अंबोड में नये बांध का केन्द्रीय गृह मंत्री ने किया भूमिपूजन
Gandhinagar news : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को गांधीनगर जिले की मानसा तहसील के 241 करोड़ रुपये के प्रकल्पों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इसमें अंबोड गांव में 234.67 करोड़ रुपये के खर्च से बनने वाला डैम भी शामिल है। डैम के बनने से 8 गांवों के 1100 हेक्टेयर खेती की जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
अपने गुजरात दौरे के तीसरे दिन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर की मनसा तहसील के विभिन्न प्रकल्पों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि अंबोड महाकाली माता का मंदिर लोगों की आस्था का केन्द्र है। अंबोड के समीप अब साबरमती नदी पर डैम बनने वाला है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि इस डैम को एक किलोमीटर तक आगे बढ़ाना चाहिए जिससे अंबोड मंदिर के पास सुंदर सरोवर बन सके। उन्होंने कहा कि उत्तर गुजरात की पानी की समस्या का इसके जरिए समाधान होगा। नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर गुजरात की प्यास बुझाने का काम किया।
शाह ने कहा कि जब वे खुद 1997 में विधायक बने थे, तब उत्तर गुजरात के सभी विधायक बोरबेल बनाने की अनुमति मांगते थे। उन्हें अनुमति नहीं मिलती था, क्योंकि यहां डार्क जोन था। यहां 1200 फीट गहरा बोरबेल करने पर पानी मिलता था। पानी निकालने के बाद उसे सीधे खेत में नहीं डाल सकते थे। इस पूरी परिस्थिति को बदलने का विचार नरेन्द्र मोदी को आया। उन्होंने कच्छ हो, सौराष्ट्र हो या गांधीनगर से डीसा तक उत्तर गुजरात हो, सभी क्षेत्रों में पानी का स्तर ऊंचा लाने का काम किया। सबसे पहले नर्मदा योजना को शुरू कराया गया। कांग्रेस के अड़ंगा लगाने के बाद भी उसे दूर किया। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दरवाजा डालने का काम भी पूरा हो गया। भरुच से लेकर खावडा तक वाया सुरेन्द्रनगर, वाया अहमदाबाद जिला कैनाल पहुंचाने का काम पूरा हुआ।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नर्मदा का पानी गुजरात के 9 हजार से अधिक तालाबों में डाला गया। इसके बावजूद बारिश का पानी बह जाता था। इसके बाद सौनी योजना शुरू की गई, जिससे सौराष्ट्र के गांव-गांव तक पानी पहुंचाने का काम नरेन्द्र मोदी ने किया। उत्तर गुजरात के लिए सुजलाम सुफलाम योजना के जरिए कडाणा डैम से पानी निकाल कर डीसा तक पहुंचाया गया। खंभात में बर्बाद हो रहे पानी का भी संचय किया गया। नर्मदा का अतिरिक्त पानी भी मनसा के आसपास के 14 तालाबों समेत राज्य के 9 हजार तालाबों तक पानी पहुंचाने का काम शुरू किया गया।
साबरमती पर 14 डैम बनाकर इसमें पूरे साल पानी से लबालब किया गया। एक तालाब से 14 फीट तक पानी का स्तर ऊंचा हुआ। जल संचय के कारण फ्लोराइड बगैर पीने का पानी मिला। लोगों को नर्मदा का पानी मिला। शाह ने कहा कि राज्य में पानी का जलस्तर 5 मीटर तक ऊंचा आया है। कार्यक्रम में मेहसाणा के सांसद हरि भाई पटेल, विधायक जे एस पटेल समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
अमित शाह आज गुजरात में पुरातत्व अनुभवात्मक संग्रहालय प्रेरणा कॉम्प्लेक्स और वडनगर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का करेंगे उद्घाटन
नयी दिल्ली : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार को गुजरात के वडनगर में पुरातत्व अनुभवात्मक संग्रहालय, प्रेरणा कॉम्प्लेक्स एवं वडनगर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर गृह मंत्री वडनगर में विरासत परिसर विकास योजना, शहरी सड़क विकास और सौन्दर्यीकरण कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा पर एक फिल्म का भी विमोचन करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि 12,500 वर्गमीटर क्षेत्र में फैले और कुल 298 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से बनने वाले पुरातात्विक अनुभवात्मक संग्रहालय वडनगर के 2500 वर्षों से अधिक पुराने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और निरंतर मानव निवास के क्रम को उत्खनन किए गए पुरातात्विक प्रमाणों के माध्यम से दशार्ता है। यह भारत में विकसित अपनी तरह का पहला ऐसा संग्रहालय है, जहां आगंतुकों को पुरातात्विक स्थल का अनुभव होगा। इस संग्रहालय में मिट्टी के बर्तनों, शंख निर्माण (उत्पाद और कच्चा माल), सिक्के, आभूषण, हथियार और औजार, मूर्तियां, खेल सामग्री तथा जैविक सामग्री जैसे खाद्यान्न, डीएनए और कंकाल अवशेषों से संबंधित लगभग 5,000 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
नौ विषयगत दीघार्ओं वाले इस संग्रहालय में 4,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में फैला उत्खनन स्थल है जहां 16-18 मीटर की गहराई तक पुरातात्विक अवशेष देखने को मिलते हैं। इस उत्खनन स्थल पर एक अनुभवात्मक वॉक-वे शेड, आने वाले लोगों को उत्खनन से प्राप्त पुरातात्विक अवशेषों का प्रदर्शन कराएगा।
वडनगर, भारत के प्राचीन जीवित धरोहर शहरों में से एक है, जो निरंतर 2,500 वर्षों से निरंतर मानव निवास का साक्षी रहा है। वडनगर को अनर्तपुर, आनंदपुर, चमत्कारपुर, स्कंदपुर और नागरका जैसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। वडनगर, अपनी अद्वितीय वास्तुकला और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें कीर्तितोरण, हाटकेश्वर महादेव मंदिर और शर्मिष्ठा झील का विशेष स्थान है। वडनगर प्रमुख व्यापारिक मार्ग पर स्थित होने के कारण हिंदू, बौद्ध, जैन और इस्लाम धर्मों के संगम का एक जीवंत केंद्र था। केन्द्रीय गृह मंत्री कल महेसाणा जिले के वडनगर में कुल 34,235 वर्गमीटर क्षेत्र में 33.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और विकसित तालुका स्तर के खेल परिसर का भी उद्घान करेंगे। यह अत्याधुनिक खेल परिसर राज्य सरकार की खेल अधोसंरचना को बढावा देने और तालुका स्तर पर एथलीटों को उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो जमीनी स्तर पर खेलों के विकास में सहायक होगा। इस खेल परिसर में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक, एस्ट्रो-टर्फ, फुटबॉल मैदान सहित मिट्टी में खेले जाने वाले खेलों जैसे कबड्डी, वॉलीबॉल और खो-खो के लिए कोर्ट का निर्माण किया गया है। इसके साथ-साथ, यहां बैडमिंटन, बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, जूडो और जिम के लिए एक मल्टीपर्पज इंडोर हॉल भी बनाया गया है। इस खेल परिसर के कैंपस में 200 बेडस वाला छात्रावास भी तैयार किया गया है, जिसमें लड़कों के लिए 100 और लड़कियों के लिए 100 बेडस की व्यवस्था की गई है।