Dhanbad news, Jharkhand news : झारखंड के मजदूरों के बाहर के प्रदेशों और दुनिया के अन्य देशों में अत्याचार नई बात नहीं रही। ताजा मामला धनबाद के टुंडी के जाताखूंटी पंचायत स्थित चरक कला गांव का है, जहां के 13 मजदूरों को नौकरी दिलाने के नाम पर चेन्नई बुलाकर बंधक बना लिया गया। चेन्नई पहुंचते उनसे मारपीट की गई। उनके घर से रुपये मंगाए गए। इसके बावजूद मजदूरों ने उनमें से दो को ही छोड़ा। 11 अब भी उनकी कैद में हैं
बदमाशों ने विजिटिंग कार्ड देकर मजदूरों को बुलाया था फैक्ट्री में काम करने को, बड़ी गाड़ी से ले गए और….
दरअसल, जाताखूंटी का बालेश्वर भोक्ता चेन्नई में मजदूरी करता था। चेन्नई से धनबाद लौटने के क्रम में ट्रेन में ही उसकी पहचान एक व्यक्ति से हुई थी। उसने बालेश्वर को अपना विजिटिंग कार्ड देकर बताया था कि चेन्नई में उसकी कुरकुरे की फैक्ट्री है। उसे मजदूरों की जरूरत है। बालेश्वर से उसने मजदूरों को लाने का आग्रह किया। उसकी बातों पर भरोसा कर बालेश्वर अपने गांव के 12 मजदूरों को लेकर शुक्रवार को धनबाद से ट्रेन से चेन्नई गया। चेन्नई में रविवार की सुबह करीब चार बजे उतरने के बाद उसने विजिटिंग कार्ड में लिखे मोबाइल नंबर पर काल कर बताया कि वह अपने साथ 12 मजदूर लेकर आ गया है। कुछ ही देर बाद वह व्यक्ति चार पहिया वाहन से वहां पहुंचा और अपने वाहन पर ही सभी को लेकर अज्ञात स्थान पर चला गया।
पहले 20-20 हजार की डिमांड की, रोने लगे मजदूर तो 5000 पर माना
चेन्नई पहुंचते ही उन सभी की जमकर पिटाई की गई। इसके बाद सभी पर दबाव बनाया कि वह अपने-अपने घर से 20-20 हजार रुपये फोन पे से मंगवाए। तभी सभी को रिहा किया जाएगा। मजदूर काफी गरीब हैं। इतने पैसे देने में समर्थ नहीं हैं। काफी गिड़गिड़ाने के बाद वह पांच-पांच हजार लेने के लिए तैयार हुआ। सभी अपने-अपने घरों से संपर्क कर यह राशि मंगवा ली। इधर, पैसे मिलने के बाद अपराधियों ने सभी के मोबाइल छीन लिए। बाद में दो मजदूरों को मुक्त किया। पैसे दो फोन नंबर पर मंगाए गए।मजदूरों के स्वजन काफी चिंतित और दहशत में हैं। चिंतित स्वजन ने इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सभी को मुक्त कराने की गुहार लगाई है।