‘प्रचंड’ हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर से ऊंचाई वाले क्षेत्र में सफल फायरिंग परीक्षण किया
‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर हथियार के साथ उड़ान भरने में सक्षम
‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर में दुश्मन के रडार से बचने की बहुत सारी विशेषताएं
New Delhi news : भारतीय सेना ने आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुड़ी एक नई उपलब्धि हासिल की है। दरअसल स्वदेशी रूप से निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर पर प्रचंड का ऊंचाई वाले क्षेत्र में सफलतापूर्वक फायरिंग परीक्षण किया है। यह परीक्षण भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह दिखाता है कि भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रचंड की खूबियां
प्रचंड एक अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर है, जो दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से उड़ सकता है और दुश्मनों का खत्मा कर सकता है। यह 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर भी हथियार और ईंधन लेकर उड़ान भरने में सक्षम है। हेलीकॉप्टर में रडार से बचने की कई विशेषताएं हैं। यह दुश्मन के रडार से बचने के लिए विशेष उपकरणों से लैस है। प्रचंड 5.8 टन वजनी दो इंजनों वाला हेलीकॉप्टर है। हल्के वजन के कारण इसे काफी ऊंचाई पर बने बंकरों को नष्ट करने में यह काफी उपयोगी है। प्रचंड में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 20 एमएम के टरेट गन्स, रॉकेट सिस्टम और दूसरे घातक हथियार लगे हुए हैं। यह चीन के ड्रोनों को मिसाइलों से भेद सकता है। यही नहीं जमीन पर उसके टैंकों को भी आसमान से ही नष्ट कर सकता है।
कारगिल युद्ध से सबक
1999 में कारगिल युद्ध के दौरान, भारत को एहसास हुआ कि उसे एक हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर की जरूरत है। ऐसा हेलीकॉप्टर जो ऊंचाई वाले इलाकों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सके। इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर बनाया गया है। सरकार ने 2006 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। अब इसके टेस्ट सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना को ऊंचाई पर लड़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। तब से ही एक ऐसे हेलीकॉप्टर की कमी खल रही थी जो मुश्किल हालात में भी सेना की मदद कर सके। ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर इस कमी को पूरा करेगा।