‘आप’ की जोर आजमाइश भाजपा के लिए फायदेमंद और कांग्रेस को पड़ी भारी, कांग्रेस ने मामूली अंतर से गंवायीं कई विधानसभा सीटें
New Delhi news : हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बेशक चौंकाने वाले रहे। जीत का सहरा बांधने का इंतजार कर रही कांग्रेस बुरी तरह हार गई। वहीं सभी आकलनों को गलत साबित कर बीजेपी ने बहुमत हासिल कर राज्य में हैट्रिक मार दी। राज्य में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस के खाते में सिर्फ 37 सीटें आईं। उधर, तमाम दावे करके मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी का खाता तक नहीं खुला। आलम ये रहा कि आम आदमी पार्टी का चुनाव लड़ना बीजेपी के लिए फायदेमंद तो कांग्रेस को भारी पड़ गया। कारण, कई सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस प्रत्याशी बीजेपी के सामने चंद वोटों से हार गए। वहीं इन सीटों पर आम आदमी पार्टी ने उस मार्जिन से अधिक वोट बटोरे। यानी आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए ‘वोट कटवा’ साबित हुई।
सत्ता विरोधी लहर पर सवार होने के बावजूद कांग्रेस हरियाणा में सत्ता हासिल करने में विफल रही
उदाहरण के लिए डबवाली में कांग्रेस उम्मीदवार 610 के मामूली अंतर से चुनाव हार गया और ‘आप’ को 6600 से ज़्यादा वोट मिले। हरियाणा की सीटों की लिस्ट बताती है कि ‘आप’ के साथ गठबंधन न करने के कांग्रेस के फ़ैसले ने हरियाणा में उसके भाग्य को कैसे प्रभावित किया। दरअसल, राज्य में भगवा पार्टी के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर पर सवार होने के बावजूद कांग्रेस हरियाणा में सत्ता हासिल करने में विफल रही। विशेषज्ञ इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि कैसे जाट जिन्हें कांग्रेस का मुख्य वोट बैंक माना जाता है, ने जाट समुदाय से ही विधायक चुने जो अनिवार्य रूप से कांग्रेस तक सीमित नहीं थे। इससे भाजपा की सीटों की संख्या में उछाल आया और कांग्रेस अपने मुख्य निर्वाचन क्षेत्र से अधिकतम लाभ नहीं उठा पाई।
आप ने आधा दर्जन सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाई
हालांकि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिए कम से कम आधा दर्जन सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाई। इन सीटों पर कांग्रेस के लिए ‘आप’ वोट कटवा साबित हुई। आम आदमी पार्टी ने भाजपा की पूर्व सहयोगी जेजेपी से बेहतर प्रदर्शन किया और करीब एक दर्जन सीटों पर 5000 का आंकड़ा पार किया। हरियाणा चुनाव प्रचार के पहले दिन से ही आप के वरिष्ठ नेतृत्व को इस बात का भरोसा था। कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत विफल होने के बाद आम आदमी पार्टी ने संगठनात्मक विस्तार के स्पष्ट जनादेश के साथ विधानसभा चुनावों में प्रवेश किया, भले ही इसकी कीमत किसी को भी चुकानी पड़े।
कांग्रेस का अहंकार खेल बिगाड़ सकता है
चुनाव से पहले गठबंधन की बातचीत विफल होने पर आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया था, गठबंधन न करने का कांग्रेस का अहंकार उनके लिए खेल बिगाड़ सकता है। ‘आप’ नेतृत्व दावा करता रहा कि उनके उम्मीदवार कम से कम एक दर्जन सीटों पर 5000 का आंकड़ा पार कर सकते हैं। एक छोटी विधानसभा वाले राज्य में एक नए उम्मीदवार के लिए यह संख्या अच्छी मानी जाती है। उस समय ‘आप’ के प्रचार प्रभारी जगाधरी, भिवानी, महम, नारनौल जैसी सीटों का जिक्र करते थे और कहते थे कि इन जगहों पर पार्टी तुलनात्मक रूप से बेहतर संख्या दर्ज करेगी। चुनाव से पहले कांग्रेस की राज्य इकाई राहुल गांधी को यह समझाने में सफल रही कि हरियाणा में ‘आप’ का कोई महत्व नहीं है। यही कारण है कि चुनाव में पार्टी ने गठबंधन को महत्व नहीं दिया। लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं।
अमित सिहाग को 610 के मामूली अंतर से हराया
डबवाली में इनेलो के आदित्य देवीलाल ने कांग्रेस के अमित सिहाग को 610 के मामूली अंतर से हराया। आप को 6600 से अधिक वोट मिले। इसी तरह असंध में कांग्रेस भाजपा के हाथों 2306 वोटों से हारी। इस निर्वाचन क्षेत्र में आप के अमनदीप सिंह जुंडला को 4290 वोट मिले। उचाना कलां में रोमांचक मुकाबला देखने को मिला और अंतिम वोटों की गिनती तक परिणाम स्पष्ट नहीं हु्आ। भाजपा ने कांग्रेस के राव बृजेंद्र सिंह से यह विधानसभा क्षेत्र मात्र 32 वोटों से छीन लिया। उल्लेखनीय है कि यहां ‘आप’ के पवन फौजी को करीब 2500 वोट मिले। रानिया में इनेलो के अर्जुन चौटाला ने कांग्रेस को 4191 वोटों से हराया। इस सीट पर आप के हरपिंदर सिंह को करीब 4700 वोट मिले। दादरी में, जहां कांग्रेस को काफी उम्मीदें थीं, आप को करीब 1300 वोट मिले। कांग्रेस इस सीट पर 1957 वोटों से हारी है। 2024 का हरियाणा चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों को लगभग बराबर वोट शेयर देने के लिए भी याद किया जाएगा। भाजपा ने 39.94 फीसद वोट शेयर हासिल किया जबकि कांग्रेस ने सीपीएम के साथ 39.34 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। ‘आप’ ने लगभग 1.8 फीसद वोट शेयर दर्ज किया। ‘आप’ के साथ गठबंधन करने से इंडिया ब्लॉक के वोट शेयर और हरियाणा में कांग्रेस की संभावनाओं में इजाफा होता या नहीं, यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर लोग बहस कर सकते हैं। हालांकि ‘आप’ ने कई सीटों पर बढ़त देखी है। कांग्रेस जहां रेवाड़ी विधानसभा सीट पर करीब 28800 वोटों से हारी, वहीं आप उम्मीदवार को करीब 18500 वोट मिले।