Jharkhand news : चाईबासा के सघन वन सारंडा में केंद्रीय बलों के साथ मिलकर झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ आर या पार का मूड बना चुकी है। यह लड़ाई बूढ़ा पहाड़ पर चलाए गए आपरेशन आक्टोपस व बुलबुल जंगल में आपरेशन डबल बुल की ही तरह निर्णायक होगी। लगभग दो वर्षों से इस जंगल में चल रहा पुलिसिया अभियान अब अंतिम दौर में माना जा रहा है। सुरक्षा बलों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो व राज्य पुलिस की विशेष शाखा समानांतर रूप से किसी न किसी रूप में इस आपरेशन का हिस्सा होगी।
एक वर्ष से अधिक समय से जंगल में कैद हैं फरार बड़े नक्सली
पिछले दो वर्षों के अभियान के तहत नक्सलियों तक राशन, दवाएं, हथियार, विस्फोटक पहुंचाने वालों की न सिर्फ पहचान हुई है, बल्कि कार्रवाई भी हुई है। यही वजह है कि सारंडा में करीब एक वर्ष से अधिक समय से सभी बड़े फरार नक्सली घिरे हुए हैं। वे निकल नहीं पा रहे है। ऐसे में या तो वे भूखे मारे जाएंगे या फिर मुठभेड़ में मार गिराए जाएंगे। अलबत्ता एक विकल्प उनके पास सरेंडर करने का है, जैसा कि ऑक्टोपस व डबल बुल के दौरान हुआ था।
चालू वर्ष में 244 नक्सलियों को पुलिस ने दबोचा
यह कहना गलत नहीं होगा कि इस वर्ष झारखंड पुलिस ने नक्सलियों की कमर लगभग तोड़कर रख दी है। इस वर्ष अबतक झारखंड पुलिस ने सारंडा सहित राज्य के विभिन्न जिलों से कुल 244 नक्सलियों-उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। इनमें 15 ऐसे नक्सली हैं, जिनपर राज्य सरकार ने 36 लाख का इनाम रखा था। और तो और सुरक्षा बलों की दबिश व मारे जाने के भय के चलते राज्य में 24 नक्सलियों- उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें आठ बड़े नक्सली भी हैं। इन नक्सलियों पर 41 लाख का इनाम घोषित है।
नौ नक्सलियों को मार गिराया
नक्सल विरोधी अभियान के दौरान इस वर्ष अबतक सुरक्षा बलों ने नौ नक्सलियों को मार गिराया है। नक्सलियों-उग्रवादियों के पास से 123 हथियार बरामद किए। इनमें 35 हथियार पुलिस से लूटे हुए थे। हजारों कारतूस व आइइडी, विस्फोटक, रुपये आदि जब्त किए गए।