Mathura news : प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में ‘लड्डू प्रसादम’ को लेकर उठे विवाद के बाद वृंदावन के स्थानीय धार्मिक संगठन धर्म रक्षा संघ ने मथुरा के मंदिरों में बाजार में मिलने वाली मिठाइयों के बजाय फल, पंचमेवा, इलायची के बीज और मिश्री जैसे प्राचीन प्रसाद चढ़ाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय बुधवार को वृंदावन में आयोजित एक बैठक में लिया गया, जिसमें विभिन्न धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि और धर्माचार्य शामिल थे।
सनातनी व्यवस्था को पुनर्जीवित करने की दिशा में उठाया गया यह कदम
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने बताया कि तिरुपति बालाजी मंदिर की घटना के बाद, देशभर के मंदिरों में प्रसाद व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता महसूस हुई। मथुरा के मंदिरों में अब से बाजार की मिठाइयों के बजाय प्राकृतिक और पारंपरिक प्रसाद चढ़ाया जाएगा। यह निर्णय श्रीभागवत मंदिरम में महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से लिया गया। यह कदम हिंदू आस्था के अनुसार प्रसाद चढ़ाने और ग्रहण करने की सनातनी व्यवस्था को पुनर्जीवित करने की दिशा में उठाया गया है।
तिरुपति के बाद अब पुरी जगन्नाथ मंदिर में मिलावटी घी को लेकर उठे सवाल
तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू को मिलावटी घी में तैयार किए जाने का विवाद सामने आने के बाद अब पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रयोग होने वाले घी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि महाप्रसाद में डालडा और दीप में ओमफेड के बदले बेनामी नकली घी का प्रयोग किया जा रहा है। यह आरोप भक्तों ने लगाया है।
बहरहाल,जिलाधीश तथा पुरी जगन्नाथ मंदिर के उप-प्रशासक सिद्धार्थ शंकर स्वांई ने घी की गुणवत्ता का परीक्षण करने का आश्वासन दिया है।