Tehran news : हमास चीफ इस्माइल हानियेह की तेहरान में इजरायली एजेंटों के जरिये हुई हत्या के बाद हिजबुल्लाह सरगना हसन नसरल्लाह का बेरूत में खात्मा होने से ईरान की सुप्रीम लीडरशिप गहरे खौफ में है। अपने सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के हुक्म पर ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इजरायल पर दर्जनों मिसाइलें दाग तो दीं, लेकिन इजरायली डिफेंस फोर्सेस और इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की दहशत का आलम यह है कि अली खामेनेई और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन समेत देश के सभी आला नेता और अधिकारी बंकरों में दुबके बैठे हैं। उन्हें बखूबी अहसास है कि उनका सफाया करने की इजरायल हर मुमकिन कोशिश कर सकता है।
सभी आतंकी गुट ईरान के बलबूते ही फलते-फूलते रहे हैं
इजरायल जानता है कि उसके इर्द-गिर्द जितने भी फिलस्तीनी आतंकी गुट दशकों से उस पर हमलावर रहे हैं, वो सभी ईरान के बलबूते ही फलते-फूलते रहे हैं। अमेरिका समेत सारी दुनिया जानती है कि हमास और हिजबुल्लाह जैसे दहशतगर्द गुट ईरान के प्रॉक्सी हैं, जिन्हें ईरान से हथियार और पैसे समेत हर तरह की मदद मिलती है। ईरान के शीर्ष नेतृत्व की दिक्कत और चिंता की बड़ी वजह यह है कि उसके सत्ता और सैन्य तंत्र में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने गहरी पैठ बना ली है। तेहरान में हमास के राजनीतिक चीफ इस्माइल हानियेह की हत्या इसका सबसे बड़ा और ताजा सबूत है।
इजरायल को एक ईरानी मुखबिर से ही मिली थी खबर
हानियेह की हत्या के बाद खबरें आयी थीं कि ईरान में मौजूद इजरायली एजेंटों ने उस कमरे में महीनों पहले ही बेहद शक्तिशाली बम प्लांट कर दिया था, जहां इस्माइल हानियेह रात में ठहरा था। बेरूत में हिजबुल्लाह सरगना हसन नसरल्लाह के इजरायली हवाई हमले में मारे जाने के बाद भी ऐसी मीडिया रिपोर्ट सामने आई है कि हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर में उस दिन नसरल्लाह और अन्य आतंकी कमांडरों की मौजूदगी की खबर इजरायल को एक ईरानी मुखबिर से ही मिली थी, जिससे उसका काम आसान हो गया। यह इत्तेफाक ही लगता है कि हसन नसरल्लाह के साथ उस वक्त बंकर में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन भी मौजूद थे, जब नसरल्लाह को इजरायली बमों से निशाना बनाया गया और साथ में अब्बास निलफोरुशन भी मारे गए।
इजरायल ने पिछले हफ्ते हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को बेरूत में मार गिराया था
अब ईरानी नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई दावा कर रहे हैं कि ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन को उन्होंने ही हसन नसरल्लाह के पास इस बाबत आगाह करने के लिए संदेशवाहक बनाकर भेजा था कि इजरायल उनकी हत्या करने की फिराक में है। इजरायल ने पिछले हफ्ते हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को बेरूत में मार गिराया था। अयातुल्ला अली खामेनेई का दावा है कि उन्होंने हिजबुल्लाह नेता सैयद हसन नसरल्लाह को इजरायली हमले में मारे जाने से कुछ दिन पहले लेबनान से भाग जाने की चेतावनी दी थी। लेकिन नसरल्लाह ने खामेनेई की चेतावनी को नजरंदाज किया और उन्हें जान देकर उसकी कीमत चुकानी पड़ी। दावा है कि 17 सितंबर को हिजबुल्लाह के पेजर हमले के तुरंत बाद खामेनेई ने अब्बास निलफोरुशन के साथ हिजबुल्लाह नेता को लेबनान छोड़ने के लिए अनुरोध करते हुए एक संदेश भेजा था। इसमें खुफिया रिपोर्टों का हवाला दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि हिजबुल्लाह के भीतर इजरायल के गुर्गों का पता लगा है और वे उन्हें मारने की योजना बना रहे हैं।
इजरायली एजेंटों की घुसपैठ को ले गहरी चिंता जताई
अब अयातुल्लाह अली खामेनेई ने भी ईरान के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों में इजरायली एजेंटों की घुसपैठ को लेकर गहरी चिंता जताई है। खबर है कि खामेनेई गत शनिवार से ही ईरान के अंदर एक सेफ हाउस में रह रहे हैं। उन्होंने ही व्यक्तिगत रूप से मंगलवार को इजरायल पर लगभग 200 मिसाइलों की बौछार करने का आदेश दिया था। रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का कहना है कि यह हमला नसरल्लाह और निलफोरुशन की मौत का बदला था। नसरल्लाह की हत्या दो सप्ताह तक चले सटीक इजरायली हमलों के बाद हुई। इन हमलों के दौरान इजरायल ने हिजबुल्लाह के आधे से अधिक हथियारों के ठिकानों को नष्ट कर दिया। इसके अलावा हिजबुल्लाह की नेतृत्व परिषद के आधे लोगों को खत्म कर दिया और इसके शीर्ष सैन्य कमांड को मार गिराया। दरअसल, इजरायल को भी अब भलीभांति अंदाजा हो गया है कि फिलस्तीनी आतंकी गुटों को वह तभी घुटनों पर ला सकता है जब ईरान को दबाव में लाया जाये। इसीलिए अब इजरायल फिलस्तीनी आतंकी गुटों के साथ ही ईरान के खिलाफ भी निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार लगता है।