New Delhi news : मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद रविवार को पहली बार दिल्ली के जंतर-मंतर पर केजरीवाल ‘जनता की अदालत’ में पहुंच गए। आम आदमी पार्टी ने रविवार को ‘जनता की अदालत‘ का आयोजन किया। केजरीवाल ने कहा कि ईमानदारी से काम करने की वजह से पीएम मोदी ने उन्हें जेल में भिजवाया। पीएम को उनकी ईमानदारी देखकर लगने लगा कि इनसे जीतने के लिए इनकी ईमानदारी पर हमला करना होगा, इसलिए उन्होंने आप को बेईमान साबित करने के लिए उनके एक-एक नेता को जेल में डाल दिया।
सीएम की कुर्सी की भूख नहीं
केजरीवाल ने जनता से कहा कि आपके मन में चल रह होगा कि मैंने इस्तीफा क्यों दिया। मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने नहीं आया था, मुझे सत्ता का लालच, CM की कुर्सी की भूख नहीं है, मैं पैसे कमाने नहीं आया, पैसे कमाने होते तो मैं इनकम टैक्स की नौकरी करता था, उसमें करोड़ो रुपए कमा लेता बल्कि हम तो देश के लिए आए थे।
मोहन भागवत से पूछे पांच सवाल
मोहन भागवत से सवाल पूछते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘आरएसएस के लोग कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी और देशभक्त हैं। मैं पूरे सम्मान के साथ मोहन भागवत जी से पांच सवाल पूछना चाहता हूं- जिस तरह से मोदी जी देशभर में पार्टियों को तोड़ रहे हैं और लालच देकर या ईडी और सीबीआई की धमकी देकर सरकारें गिरा रहे हैं, क्या ये सही है। मोदी जी ने अपनी पार्टी में सबसे भ्रष्ट नेताओं को शामिल किया है, जिन्हें वो खुद भ्रष्ट कहते हैं, क्या आप ऐसी राजनीति से सहमत हैं। बीजेपी का जन्म आरएसएस की कोख से हुआ है, बीजेपी को भटकने न देना आरएसएस की जिम्मेदारी है, क्या आपने कभी मोदी जी को गलत काम करने से रोका है। जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि उन्हें आरएसएस की जरूरत नहीं है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वो अपनी नाराजगी दिखाने लगा है। बेटा मातृ संस्था से अपनी नाराजगी दिखा रहा है।