▪︎ दिल्ली लोक निर्माण विभाग ने आरोपों का किया खंडन, बतायी तकनीकी अड़चन
New Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को यहां केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने पत्रकार वार्ता में दावा किया कि उन्हें जो मुख्यमंत्री आवास (6 फ्लैग स्टाफ रोड) मिला है, उसका अलॉटमेंट केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार ने रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘हमारा घर छीना जा रहा है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से ऐन एक रात पहले ऐसा हुआ। तीन महीने में यह दूसरी बार है, जब मुझे आधिकारिक आवास से बाहर कर दिया गया है।’
एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया कि पिछली रात ही केन्द्र सरकार ने मुझे सरकारी आवास (सीएम आवास) से तीन महीने में दूसरी बार बेदखल कर दिया। चिट्ठी भेज कर सीएम आवास का अलॉटमेंट कैंसल कर दिया। तीन महीने पहले भी यही किया गया था। जब मैं सीएम बनी, तो उस समय भी मेरे परिवार का सामान घर से निकाल कर सड़क पर फेंक दिया था। उन्होंने कहा कि अगर वे (भाजपा) लोग यह सोचते हैं कि मुझसे घर छीनने, मेरा सामान सड़क पर फेंक देने और मेरे परिवार के लोगों को गालियां देने से दिल्ली वालों का काम करने से मुझे रोक देंगे, तो वे ऐसा करके मेरा जज्बा कम नहीं कर सकते हैं। जरूरत पड़ेगी, तो मैं दिल्ली के किसी भी नागरिक के घर में जाकर रह लूंगी और वहीं से दिल्ली वासियों के हितों के लिए काम करूंगी।
आतिशी ने कहा कि तीन महीने पहले मेरा सामान सड़क पर फेंका गया। उसके बाद मैंने दिल्ली में सड़कें, अस्पताल और स्कूल आदि बनवाये और महिलाओं को सम्मान योजना दिलवायी। आज जब मुझे फिर से सीएम आवास से निकाला है, तो मैं प्रण ले रही हूं कि सरकार बनने पर दिल्ली की प्रत्येक महिला को 2100 रुपये दिलवा कर और हर बुजुर्ग को संजीवनी योजना में चिकित्सा सुविधा और पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपये मासिक दिलवा कर रहूंगी।
हालांकि, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री आतिशी ने 06 फ्लैग स्टाफ रोड (सीएम आवास) पर भौतिक कब्जा नहीं लिया है। विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बार-बार याद दिलाने के बाद भी आतिशी घर में शिफ्ट नहीं हुईं। विभाग ने कहा कि आतिशी के अनुरोध पर घर में बदलाव किये गये, लेकिन वह घर में शिफ्ट नहीं हुईं, जिसके बाद घर का आवंटन रद्द कर दिया गया। विभाग ने आगे दावा किया कि नियमों के अनुसार यदि आवंटित घर रहने योग्य होने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पांच दिनों के भीतर आवंटी घर में स्थानांतरित नहीं होता है, तो घर का आवंटन स्वत: रद्द हो जाता है।
इससे पहले भी पीडब्ल्यूडी ने उन्हें कहा था कि चूंकि उक्त मकान विभिन्न उल्लंघनों के लिए सीबीआई/अन्य एजेंसियों की जांच के अधीन है, इसलिए आवंटी को सलाह दी जाती है कि वह जांच में पूर्ण सहयोग प्रदान करें, जैसा कि आवश्यक हो।