Kolkata news : पश्चिम बंगाल में करोड़ों के राशन वितरण घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी की। ईडी की टीमों ने कोलकाता और हावड़ा के कई इलाकों में एक साथ 14 स्थानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया।
एक अधिकारी के अनुसार, ईडी के अधिकारियों ने कोलकाता और हावड़ा जिले में अधिकांश स्थानों पर छापेमारी की। ईडी की टीमों के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान मौजूद थे।
ईडी ने सबसे पहले कोलकाता के दक्षिणी हिस्से में बांगुर एवेन्यू स्थित व्यापारी महेन्द्र अग्रवाल के दो आवासों पर छापेमारी की। यहां छापेमारी के साथ ही ईडी की टीम अग्रवाल से पूछताछ भी कर रही है।
दूसरी जगह, कोलकाता के पास हावड़ा जिले के पंचला में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के डीलर लोकनाथ साहा के आवास और गोदाम पर छापा मारा गया। इसके अलावा, ईडी के अधिकारी उन पीडीएस डीलरों के आवासों और दुकानों पर भी छापेमारी कर रहे हैं, जिनकी पिछले कुछ समय से इस घोटाले में संलिप्तता की जांच हो रही है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर के अंतिम सप्ताह में ईडी ने कोलकाता की एक विशेष अदालत में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें आठ नये नाम जोड़े गये थे। इन आठ नामों में उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा से तृणमूल कांग्रेस के दो नेता, अनिसुर रहमान और उनके भाई अलिफ नूर उर्फ़ मुकुल रहमान, जो एक व्यवसायी हैं, शामिल हैं।
ईडी को यह स्पष्ट संकेत मिला है कि रहमान भाइयों के पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य और आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और कोलकाता के व्यापारी बकीबुर रहमान से नजदीकी सम्बन्ध हैं। मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक वर्तमान में इस घोटाले में संलिप्तता के चलते न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने इस घोटाले में कम से कम 60 छोटे राशन डीलरों के नेटवर्क की पहचान की है, जो इस घोटाले के कामकाज में सीधे तौर पर शामिल थे।
अधिकारी के अनुसार, इस घोटाले का मुख्य तरीका यह था कि ये राशन डीलर किसानों से सरकारी खरीद प्रक्रिया को दरकिनार कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर अनाज खरीदते थे और फिर उस अनाज को पीडीएस के माध्यम से वितरित करने के बजाय खुले बाजार में ऊंची कीमतों पर बेचते थे।