New Delhi news : पिछले नौ दिनों में 170 से ज्यादा विमानों में बम की धमकियां मिलने के बाद केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और मेटा को कड़ी फटकार लगाई है और पूछा है कि ऐसी खतरनाक अफवाहों को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की। जाहिर होता है कि आप जुर्म को बढ़ावा दे रहे हैं।
यह अपराध को बढ़ावा देने के बराबर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के संयुक्त सचिव संकेत एस भोंडवे ने बुधवार एयरलाइन कंपनियों के प्रतिनिधियों और एक्स और मेटा जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की। उन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया इस तरह के अपराध को बढ़ावा देने जैसा काम कर रहा है। इस बैठक में अधिकारी ने सोशल मीडिया कंपनियों के अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह अपराध को बढ़ावा देने के बराबर है। उन्होंने इस तरह की खतरनाक अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उन प्रतिनिधियों से सवाल भी किए। विमान कंपनी के दो अधिकारियों के मुताबिक इन धमकियों की वजह से उत्पन्न व्यवधानों के कारण विमानन कंपनियों को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
120 से अधिक उड़ानों को बम की धमकियां मिली हैं
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय एयरलाइनों द्वारा संचालित 120 से अधिक उड़ानों को बम की धमकियां मिली हैं। मंगलवार को भी, इंडिगो, विस्तारा और एयर इंडिया द्वारा संचालित 50 उड़ानों को इसी तरह की धमकियां मिलीं थीं। एयरलाइनों ने मीटिंग में कहा कि इस दौरान उन्होंने मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया और अधिकारियों को सतर्क कर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया। हालांकि, अभी तक सभी धमकियां अफवाह साबित हुई, परंतु इसकी वजह से हजारों यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ा और सुरक्षा एजेंसिया परेशान रहीं।
अधिकतर धमकियां सोशल मीडिया मंच से मिलीं
पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को एयर इंडिया और इंडिगो की 13-13 उड़ानों, अकासा एयर की 12 से अधिक उड़ानों और विस्तारा की 11 उड़ानों को सहित करीब 50 उड़ानों को धमकियां मिलीं।
उन्होंने बताया कि सोमवार रात को एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा की 10-10 उड़ानों सहित 30 उड़ानों को धमकियां मिली थीं। पिछले नौ दिनों में भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित 170 से अधिक उड़ानों में बम होने की धमकियां मिली हैं। इनमें से अधिकतर धमकियां सोशल मीडिया मंच के जरिये मिलीं, जिसकी वजह से कुछ अंतरराष्ट्रीय का रास्ता मोड़ना पड़ा।