कर्नाटक में चार, गुजरात और कोलकाता में एक-एक बच्चा संक्रमित, सभी आठ महीने से छोटे
New Delhi news : चीन में फैले कोरोना जैसे ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) का भारत में छह मामले सामने आए हैं। चेन्नई में एचएमपीवी के दो और मरीज सामने आए हैं। अब पूरे देश में कुल संक्रमितों की संख्या 6 हो गई है। इससे पहले दो कर्नाटक में और एक-एक गुजरात और कोलकाता में केस सामने आए थे। सभी की उम्र आठ महीने से कम है।
अहमदाबाद में सोमवार को दो महीने के बच्चे में एचएमपीवी का संक्रमण मिला। यह बच्चा राजस्थान का है और इलाज के लिए अहमदाबाद पहुंचा है। इससे पहले, सोमवार सुबह कर्नाटक में तीन महीने की बच्ची और आठ महीने के बच्चे में यह वायरस मिला था। दोनों बच्चों की जांच बेंगलुरु के एक अस्पताल में की गई थी।
अहमदाबाद में दो महीने के बच्चे को तबीयत खराब होने पर 15 दिन पहले हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। उस बच्चे को सर्दी और तेज बुखार था। शुरुआत में पांच दिन तक उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। इसके बाद हुई जांचों में वायरस के संक्रमण का पता चला।
कर्नाटक के दोनों केस के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बच्चे रुटीन जांच के लिए अस्पताल पहुंचे थे। टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया कि बच्चों के सैंपल निजी अस्पताल में जांचे गए और उन्होंने सरकारी लैब में जांच नहीं कराई।एचएमपीवी से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें दो साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, दो बच्चों में वायरस की पुष्टि हुई है। ये देखकर मैंने तुरंत कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव से बात की। सरकार इस वायरस को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि यह कोई वायरस नहीं है। एचएमपीवी एक फ्लू वायरस है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हम अपने पैनल के साथ बैठक कर रहे हैं। इस पर भारत सरकार और आईसीएमआर से चर्चा करेंगे।
एचएमपीवी इस मौसम में सामान्य वायरस: केंद्र
चीन में एचएमपीवी के बढ़ते मामलों के बीच इमरजेंसी जैसे हालात बनने की बात कही गई थी। हालांकि भारत सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक की थी। इसके बाद सरकार ने कहा था कि फ्लू के मौसम को देखते हुए चीन की स्थिति असामान्य नहीं है और सरकार इनसे निपटने के लिए तैयार है। देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह आरएसवी और एचएमपीवी हैं। इस मौसम में ये इन्फ्लुएंजा के सामान्य वायरस हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। साथ ही डब्ल्यूएचओ से चीन की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देने को कहा है।
सरकार बोली- फ्लू जैसी बीमारियों की जांच के लिए सिस्टम मौजूद
केंद्र सरकार ने कहा कि भारत में आईसीएमआर और आईडीएसपी के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है। दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि आईएलआई और एसएआरआई मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है। हालांकि यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर आईसीएमआर एचएमपीवी की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा। साथ ही पूरे साल एचएमपीवी के मामलों पर नजर रखेगा।
महामारी की संभावना नहीं: एम्स
दिल्ली एम्स के डॉक्टर ने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। यह पुराना वायरस है और इसके खिलाफ लोगों में इम्यूनिटी भी है। ऐसे में इस वायरस को लेकर महामारी जैसी कोई संभावना नहीं है। जांच करने पर ही रिपोर्ट पॉजिटिव आ रहे हैं, क्योंकि वायरस पहले से है। एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री बोले, घबराएं नहीं
एचएमपीवी वायरस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि यह कोई नया वायरस नहीं है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है।एचएमपीवी सांस के माध्यम से हवा के माध्यम से फैलता है। यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में अधिक फैलता है।