Jharkhand news : शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जीएसटी मुआवजा मिलने की अवधि को झारखंड में पांच वर्ष का विस्तार केंद्र से देने की वकालत की है। साथ ही बताया कि वर्ष 2017 से 2022 तक झारखंड ने मुआवजा कर के रूप में 41 हजार करोड़ रुपये का योगदान दिया है और राज्य को केंद्र सरकार द्वारा क़रीब 14 हजार करोड़ रुपये ही मुआवजे के रूप में प्राप्त हुए हैं। इसी तरह केंद्र 2023-24 में दो हजार 18 लाख करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में प्राप्त हुआ, जबकि झारखंड का योगदान 34.734 करोड़ रुपये है।
वैट में चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर गिरकर 10% रह गया
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में छूट देने के प्रस्ताव पर कहा कि गैर वरिष्ठ लोगों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए और 18 प्रतिशत की जगह पर पांच प्रतिशत जीएसटी ही लगना चाहिए। राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड एक छोटा मेन्यूफैक्चरिंग राज्य है। राज्य में उत्पादित खनिजों की अंतरराज्यीय आपूर्ति होती है। जीएसटी में संरचनात्मक परिवर्तन के कारण अंतरराज्यीय आपूर्ति पर राजस्व की प्राप्ति शून्य हो गई है। वैट में चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 16 प्रतिशत था, जो गिरकर 10 प्रतिशत रह गया है।
कुछ इस तरह कम होती गई झारखंड की हिस्सेदारी
2019-20 : 12302.87 करोड़ रुपये
2020-21 : 11993.41 करोड़ रुपये
2021-22 : 10666.85 करोड़ रुपये
2022-23 : 10893.54 करोड़ रुपये
2023-24 : 9146.26 करोड़ रुपये
2024-25 : 4642.30 करोड़ रुपये