▪︎राष्ट्रपति के नेतृत्व में संसद के सेंट्रल हॉल में भव्य उद्घाटन कार्यक्रम का होगा आयोजन
New Delhi News:संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में केन्द्र सरकार पूरे एक साल चलनेवाले कार्यक्रम की मंगलवार से शुरुआत करने जा रही है। “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” अभियान के तहत आयोजित किये जानेवाले इस कार्यक्रम की शुरुआत मंगलवार को पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल और संविधान सदन में कार्यक्रम से होगी, जिसको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्बोधित करेंगी। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों के साथ संसद के दोनों सदन के सदस्य मौजूद रहेंगे।
नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में केन्द्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत सरकार पूरे साल संविधान दिवस मनाने की तैयारी कर रही है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को संविधान मसौदा समिति के बारे में शिक्षित करना है, जिसमें डॉ. बीआर अम्बेदकर की महत्त्वपूर्ण भूमिका के साथ 15 महिला मसौदाकारों के योगदान पर जोर दिया जायेगा। जागरूकता फैलाने के लिए गांवों में पहल की जायेगी।
“हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ अभियान के तहत साल भर तक चलेगी गतिविधियों”
उन्होंने कहा कि संविधान और डॉ. बीआर अम्बेदकर का सम्मान हमेशा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन का मूल सिद्धांत रहा है। मेघवाल ने कहा कि इस प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में वार्षिक उत्सव मनाने की शुरुआत की। इस साल संविधान को अपनाये जाने के 75 साल पूरे हो रहे हैं और इस ऐतिहासिक दिन को ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ अभियान के तहत साल भर की गतिविधियों के साथ मनाया जायेगा। इसका उद्देश्य संविधान को आकार देने में डॉ. बी.आर. अम्बेदकर के महत्त्वपूर्ण योगदान को उजागर करना है।
“डॉ. बीआर अम्बेदकर से जुड़े स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे”
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत डॉ. बीआर अम्बेदकर के सभी स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसके साथ संविधान में कलाकारों के योगदान को भी उजागर किया जायेगा। इन कार्यक्रमों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि लोगों को अपने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देना चाहिए।
इस मौके पर केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की तरह हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान की शुरुआत की जा रही है। एक वर्ष भर चलनेवाला समारोह एक ऐसा मील का पत्थर है, जो हमारे लोकतंत्र की उल्लेखनीय यात्रा और हमारे संस्थापक सिद्धांतों और संवैधानिक मूल्यों की स्थायी विरासत को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि 26 नवम्बर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस दिन देश के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत हुई। यह दिन महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान को अपनाने का प्रतीक है, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला है। अपनी स्थापना के बाद से, संविधान पिछले 75 वर्षों में राष्ट्र की प्रगति को आकार देनेवाले मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य करता है।