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विचाराधीन कैदियों को राहत देने के लिए केन्द्र ने राज्यों को लिखा पत्र

विचाराधीन कैदियों को राहत देने के लिए केन्द्र ने राज्यों को लिखा पत्र

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New Delhi news : केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 479 का पालन करने का निर्देश दिया है। इसके तहत विचाराधीन कैदियों को राहत दी जा सकती है। जिसका उद्देश्य मुकदमे की प्रतीक्षा के दौरान जेल में बंद लोगों की संख्या को कम करना है।
इस सम्बन्ध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 1 जनवरी को राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जेल अधिकारियों को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्हें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 479 का पालन करने के लिए कहा है। इस धारा के तहत ऐसे विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जाता है, जिन्होंने अपनी सम्भावित सजा का एक हिस्सा पूरा कर लिया है। पहली बार अपराध करनेवाले कैदियों को उनकी अधिकतम संभावित सजा का एक तिहाई हिस्सा पूरा करने के बाद जमानत पर रिहा किया जा सकता है। अन्य विचाराधीन कैदी अपनी सम्भावित अधिकतम सजा का आधा हिस्सा पूरा करने के बाद जमानत के पात्र हैं।
मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा, ‘यह दोहराया जाता है कि बीएनएसएस की धारा 479 के प्रावधान विचाराधीन कैदियों की लम्बी हिरासत को कम करने और जेलों में भीड़भाड़ के मुद्दे को भी हल कर सकते हैं। इसलिए, यह उम्मीद की जाती है कि सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश इस मामले में सहयोग करेंगे और सम्बन्धित जेल अधिकारियों को मामले में आवश्यक कार्रवाई करने और गृह मंत्रालय को वांछित जानकारी देने के लिए सलाह देंगे।’

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