New Delhi news : पूर्व सीजेआई के रिटायर होने के बाद कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने उन पर हमला बोला है। शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत का कहना है कि चाहे अजमेर हो या उत्तर प्रदेश का संभल, सीजेआई चंद्रचूड़ देश में आग लगाने के बाद रिटायर हुए हैं। आज देश की जो हालत है, उसके लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। जस्टिस चंद्रचूड़ को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि 20 मई 2022 को चंद्रचूड़ साहब ने मौखिक टिप्पणी की और उससे भानुमती का पिटारा, पैंडोरा बॉक्स खुल गया। भाजपा इसका पूरा राजनीतिक फायदा उठा रही है। हर जगह साम्प्रदायिक तनाव फैलाया जा रहा है।
चंद्रचूड़ को मंदिर-मस्जिद विवाद का जिम्मेदार बताया
संजय राउत ने मुम्बई में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहां उन्होंने पूर्व सीजेआई को न सिर्फ मंदिर-मस्जिद विवाद के लिए जिम्मेदार बताया, बल्कि महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के लिए भी आरोपी बताया। राउत ने कहा- सरकार बनाने के लिए अभी तक राज्यपाल से कोई नहीं मिला है। इन सबके लिए जस्टिस चंद्रचूड़ जिम्मेदार हैं। उधर, जयराम रमेश ने भी कहा- 20 मई 2022 को पूर्व सीजेआई की टिप्पणी ने इस तरह की याचिकाओं का रास्ता साफ किया है। उन्होंने कहा था कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट किसी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र का पता लगाने पर प्रतिबंध नहीं लगाता है। दरअसल, यह एक्ट प्राचीन धार्मिक स्थल के स्वरूप को बदलने पर रोक लगाता है। प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के मुताबिक- पूजा स्थल उसी रूप में संरक्षित किया जायेगा, जिस रूप में वह 15 अगस्त 1947 को था। अगर यह साबित भी हो जाता है कि उसे किसी दूसरे धर्म के उपासना स्थल को तोड़ कर बनाया गया है, तब भी उसके स्वरूप को बदला नहीं जा सकता।