Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

सहकारिता भारतीय संस्कृति का आधार:मोदी

सहकारिता भारतीय संस्कृति का आधार:मोदी

Share this:

▪︎प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में वैश्विक सहकारी सम्मेलन का किया उद्घाटन

New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नयी दिल्ली के भारत मंडपम में वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारमाभ किया। उन्होंने सहकारी आन्दोलन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।

अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन का वैश्विक सम्मेलन पहली बार भारत में आयोजित


अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन का वैश्विक सम्मेलन पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमें भारत की भावी सहकारिता यात्रा के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही, भारत के अनुभवों के माध्यम से वैश्विक सहकारी आन्दोलन को 21वीं सदी के उपकरण और नयी भावना मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने सहकारिता को भारतीय संस्कृति का आधार बताया और कहा कि भारत के लिए सहकारिता जीवनशैली है। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन को भी सहकारिता ने प्रेरित किया है। इससे आर्थिक सशक्तीकरण में तो मदद मिली ही, साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों को एक सामूहिक मंच भी मिला। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज ने सामुदायिक भागीदारी को फिर से नयी ऊर्जा दी। उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग जैसे क्षेत्रों में एक नया आन्दोलन खड़ा किया और आज खादी और ग्रामोद्योग को हमारी कॉपरेटिव ने बड़े-बड़े ब्रांड से भी आगे पहुंचा दिया है।

भूटान के पीएम ,फिजी के उप प्रधानमंत्री, भारत के सहकारिता मंत्री और यूएन के प्रतिनिधि थे उपस्थित


इस मौके पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, फिजी के उप प्रधानमंत्री मनोआ कामिकामिका, केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और यूएन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इससे पहले अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष की शुरुआत के लिए यूएन का धन्यवाद किया और कहा कि यह फैसला पूरी दुनिया के करोड़ों किसान, महिलाएं व गरीब के सशक्तीकरण के लिए आशीर्वाद होगा। उन्होंने कहा कि आज सहकारिता वर्ष की थीम- ‘सहकारिता सबकी समृद्धि का द्वार’ – को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज से तीन वर्ष पहले ही सूत्रों में पिरोकर देश की करोड़ों महिलाओं, लाखों गांव व किसानों की समृद्धि का रास्ता खोला। लम्बे समय से प्रतीक्षित करीब 70 साल बाद, देश में सहकारिता मंत्रालय खोला गया।

अंतरराष्ट्रीय मेले में बिहार के लोकगीतों की धूम 

अंतरराष्ट्रीय मेले में बिहार के लोकगीतों की धूम भारत मंडपम में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में रही। सबसे पहले दीप प्रज्वलित करके बिहार दिवस सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन बिहार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया।
उद्घाटन के बाद बिहार के चोटी के पांच लोकगीत गायकों ने भोजपुरी मैथिली, मगही और अंगिका लोकगीतों की झड़ी लगा दी। कलाकारों में नीतू कुमारी नवगीत, सत्येन्द्र कुमार संगीत, अमर आनन्द, नीतू कुमारी नूतन और उषा सिंह ने एक से बढ़ कर एक लोकगीत गाये।
प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने भगवान प्रभु श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर गाये गये गीत “बता द बबुआ लोगवा देत काहे गारी बता द बबुआ”, भिखारी ठाकुर रचित जतसारी गीत “डगरिया जोहत ना हो बीतत बाटे अठपहरिया हो डगरिया जोहत ना”, “पिया गइले कलकतवा ए सजनी, पटना से बैदा बुलाई दा”, “पनिया के जहाज से पलटनिया”, “कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा” और “कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया” जैसे गीत गाकर धमाल मचाया।
कार्यक्रम में भोला वर्मा ने तबला पर, शशि भूषण झा ने की-बोर्ड पर, हरिभूषण झा ने ढोलक पर, मनोज कुमार यादव ने पैड पर और कुमार पारस ने बैंजो पर कलाकारों के साथ शानदार तरीके से संगत की। मंच संचालन रूपम त्रिविक्रम ने किया।

Share this: