पांच दिसंबर तक मांगा जवाब, अगली सुनवाई 20 को
Ajmer news : राजस्थान की अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। निचली अदालत ने हिंदू पक्ष की इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होने वाली है। जानकारी के लिए बता दें कि यह विवाद कोई आज का नहीं है, बल्कि कई सालों से हिंदू संगठनों का ऐसा मानना है कि शिव मंदिर को अजमेर दरगाह में तब्दील कर दिया गया था।
अब इसी कड़ी में वकील विष्णु जैन ने अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका को लेकर ही निचली अदालत ने पांच दिसंबर तक सभी पक्षों को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। वैसे महाराणा प्रताप सेना है ने तो साल 2022 में भी इस मुद्दे को उठाया था, तब राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे।
उस समय अशोक गहलोत से मांग की गई थी कि अजमेर दरगाह की अच्छी तरह से जांच करवाई जाए। ऐसे तर्क दिए गए थे कि दरगाह की खिड़की पर स्वास्तिक के निशान मिले। उन दावों की कभी पुष्टि नहीं हो पाई। तब की कांग्रेस सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। अब यह मामला कोर्ट पहुंच चुका है और सभी पक्षों से अपनी दलीलें पेश करने के लिए कहा गया है।
विष्णु जैन ने एक किताब का भी जिक्र किया है। उनके मुताबिक ‘अजमेर हर विलास शारदा’ नाम की किताब 1911 में लिखी गई थी। उस किताब में दावा किया गया है कि दरगाह की जमीन पर पहले भोलेनाथ का मंदिर था। वहां भगवान शिव की पूजा होती थी। उनका जलाभिषेक किया जाता था। यहां तक दावा हुआ है कि दरगाह परिसर में मौजूद 75 फीट लंबे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश मिले हैं।