Health news : अधिकतर लोग जब ऑफिस में मेज कुर्सी पर काम करते हैं या आराम से सोफे पर बैठते हैं, तो अपने घुटनों और पैरों को क्रॉस कर लेते हैं। लेटते समय भी अपने पैरों को क्रॉस कर लेटते हैं, जमीन पर रिलैक्स बैठने पर भी अपने पैर क्रॉस कर लेते हैं। उन्हें ऐसे बैठना आरामदेह लगता है। लेकिन, आप जानते हैं लम्बे समय तक इस अवस्था में बैठना हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं। क्रॉस लेग या क्रॉस फीट कर बैठने से हमारी शरीर की नेचुरल शेप पर प्रभाव पड़ता है, जो सेहत से जुड़ी कुछ समस्याओं को जन्म देता है।
दिल पर पड़ सकता है प्रभाव
पैरों को बांध कर लम्बे समय तक बैठने से घुटनों और पैरों की नसें दब जाती हैं, जिससे रक्त संचार सुचारु रूप से नहीं हो पाता और अस्थाई रूप से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। रक्त संचार ठीक तरह से न होने पर दिल पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
नसों में खराबी की बढ़ सकती है समस्या
क्रॉस लेग कर लम्बे समय तक बैठने से टांगों और पैरों की नसें प्रभावित होती हैं। जो लोग घुटनों से टांग को क्रॉस कर बैठते हैं, उनके पेरोनियल नस, जो हमारे घुटने के नीचे और पैर के बाहर से गुजरती है, उस पर दबाव बढ़ता है। इससे रक्त का बहाव ठीक नहीं होने से मांसपेशियों में अकड़न आ जाती है। कभी-कभी झटके से उठने पर पैरों और टांगों में खून की सप्लाई नहीं होने पर हम लड़खड़ा जाते हैं और कभी-कभी अस्थाई पैरालिसिस का कारण भी बन जाता है।
पीठ और गर्दन में भी बनता है दर्द का कारण
अस्थि रोग विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे लम्बे समय तक बैठने से पीठ और गर्दन में दर्द की समस्या हो सकती है। घुटना दूसरे पर रख कर बैठने से हमारी पेल्विक बोन, जो रीढ़ की हड्डी का आधार होती है, उसका सही पोस्चर ठीक नहीं होने से पीठ के निचले और मध्यम भाग पर दबाव आने लगता है। इससे हमारी पीठ और गर्दन में दर्द होने लगता है, इसलिए जब भी बैठें कुर्सी पर, सोफे पर, बिस्तर पर लेटे या बैठें, तो क्रॉस लेग और क्रॉस फीट करके न बैठें, न लेटें।