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महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मंत्रालय की बिल्डिंग से कूदे, इसके बाद…..

महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मंत्रालय की बिल्डिंग से कूदे, इसके बाद…..

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Mumbai news : महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल ने शुक्रवार को मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। उनके साथ विधायक हिरामन खोसकर भी कूद पड़े। हालांकि, नीचे जाल रहने के कारण उनकी जान बच गई। दोनों आदिवासी विधायक जाल में फंस गए थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें बाहर निकाला। ऊंचाई से गिरने के कारण झिरवल की गर्दन पर चोट आई है। उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया है। उनकी जांच के लिए डॉक्टरों की एक टीम मंत्रालय पहुंची।

झिरवल धनगर समाज को एसटी दर्जा देने के खिलाफ



झिरवल उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की एनसीपी गुट के विधायक हैं। वे धनगर समाज को एसटी का दर्जा देने की मांग पर सरकार के विचार करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं, जबकि झिरवल खुद शिंदे सरकार का हिस्सा हैं। इस मामले को लेकर झिरवल और अन्य आदिवासी विधायकों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात भी की थी। हालांकि, जब बात नहीं बनी तो उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। झिरवल और खोसकर ने आदिवासी समुदाय के समर्थन में नारे भी लगाए। घटना के बाद मंत्रालय में कामकाज ठप पड़ गया।
नरहरि झिरवल ने मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात से पहले चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि सीएम हमारी बात नहीं सुनेंगे, तो हमारे पास प्लान बी तैयार है। झिरवल ने कहा कि हम एसटी आरक्षण को प्रभावित नहीं होने देना चाहते हैं। इसके बाद एक घंटे के अंदर उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर अपना गुस्सा जाहिर किया।

महाराष्ट्र में धनगर समुदाय चरवाहा कम्यूनिटी में आते हैं, उन्हे ओबीसी का दर्जा प्राप्त है


महाराष्ट्र में धनगर समुदाय चरवाहा कम्यूनिटी में आते हैं। उन्हें अभी ओबीसी का दर्जा प्राप्त है। धनगरों को घुमंतू जनजाति कैटेगरी के तहत शिक्षा और नौकरियों में 3.5 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। दूसरी ओर, देश के अन्य हिस्सों में धनगड़ , जिन्हें ओरांव, धनका और डोम के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है। धनगर समुदाय मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, गोवा और कर्नाटक में फैला हुआ है। महाराष्ट्र का धनगर समुदाय सालों से दावा करता रहा है कि धनगड़ और धनगर एक ही हैं। सिर्फ स्पेलिंग का फर्क हैं। वे खुद को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने और 7 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में धनगर समुदाय की आबादी लगभग 1.5 करोड़ है, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 13 प्रतिशत है। धनगर समुदाय के लोग मराठों के बाद महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय होने का दावा करते हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र में 25-30 विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव है।
महाराष्ट्र में धनगर आरक्षण की मांग का मुद्दा आजादी के बाद से कई बार उठा। मामला अदालत तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में धनगर समुदाय की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। राज्य में 2013 में सबसे बड़ा धनगर आंदोलन देखा गया। तब विपक्ष के नेता और मौजूदा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस बारामती में प्रदर्शनकारियों से लिखित में वादा किया था कि अगर वे सत्ता में आए तो पहली कैबिनेट बैठक में धनगर आरक्षण को मंजूरी दे देंगे।

मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा था कि सरकार धनगरों को एसटी का दर्जा देने पर विचार करेगी

समुदाय का कहना है कि उस साल उन्होंने भाजपा-शिवसेना सरकार को वोट दिया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया। कुछ हफ्ते पहले, धनगर समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। तब सीएम ने कहा था कि राज्य सरकार आरक्षण को लेकर दूसरे समुदायों को नाराज किए बिना धनगरों की मांगों पर विचार करेगी। मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा था कि सरकार धनगरों को एसटी का दर्जा देने के लिए एक सरकारी प्रस्ताव जारी करने पर विचार करेगी। तब से, आदिवासी समुदाय ने इसका विरोध कर रहे हैं।

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