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Dharm adhyatm : दीपावली की रात क्यों होती है मां काली की पूजा? जानें इसका विशेष महत्व

Dharm adhyatm : दीपावली की रात क्यों होती है मां काली की पूजा? जानें इसका विशेष महत्व

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Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious, Diwali ki raat kyon hoti hai man Kali ki Puja :  दीपावली लोगों के जीवन में खुशियां और सुख – समृद्धि लेकर आता है। इस दिन लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ मां काली की पूजा का विशेष महत्व होता है। दीपावली की रात को महानिशीथ काल भी कहा जाता है। यह रात बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है। इस निशीथ काल का सदुपयोग करने वाले माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करते हैं।

महानिशा और श्यामा पूजा भी होता है इसी दिन  

यूं तो पूजन का फल भगवान भक्तों को जरूर देते हैं, परंतु दीपावली की रात यानी निशीथ काल में की गई पूजा विशेष फल देने वाली होती है। देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों में से ही है काली माता का स्वरूप सिद्धि और पराशक्तियों की आराधना करने वाले भक्तों की इष्ट देवी मानी जाती हैं, लेकिन केवल तांत्रिक साधना के लिए ही नहीं अपितु आम लोगों के लिए भी महाकाली की पूजा विशेष फलदायी बताई गई है। काली पूजा को महानिशा और श्यामा पूजा भी कहा जाता है। हिंदू धर्म मानने वालों को निशीथ काल में ही महाकाली की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करना संबंधित व्यक्ति के लिए बहुत ही फलदाई होता है।

विद्यार्थी करें अपने ईष्ट देव का जाप

इस रात को कनकधारा स्तोत्र का पाठ विशेष फलदायी होती है, इसलिए इस काल में मां लक्ष्मी के सामने कुशा के आसन पर बैठकर दीपक जला लें। इसके बाद ही कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। यदि आप पाठ नहीं कर सकते हैं तो भी मां लक्ष्मी के मंत्र के एक, पांच, सात अथवा 11 माला का जाप जरूर करें। पढ़ाई करने वाले अथवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को इस रात अपने ईष्ट देव का जाप निश्चित रूप से करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से विद्यार्थियों को निश्चित रूप से अच्छे फल की प्राप्ति होती है। इस दिन परिवार के साथ भजन सुनना अथवा सुनाना चाहिए

इस दिन अपने घर में या मंदिर में कोई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन भी आप कर सकते हैं। इस सबसे महत्वपूर्ण समय को बेकार नहीं जाने देना चाहिए। क्योंकि यह समय एक साल के बाद ही आता है।

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