New Delhi news : कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पिछले 10 साल में भारत में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी व्यापार करने में आसानी को ‘अनइज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी व्यापार करने में असुविधा में बदल दिया गया है। कांग्रेस ने इसके तीन कारण बताते हुए आगामी बजट में ‘रेड राज’ और ‘कर आतंक’ को खत्म करने की मांग की।
“सरकार को आगामी बजट में ‘रेड राज’ और ‘कर आतंक’ को खत्म करना होगा“
रविवार को कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि सरकार को आगामी बजट में ‘रेड राज’ और ‘कर आतंक’ को खत्म करना होगा। उत्पादन क्षेत्र की नौकरियों की रक्षा करने के लिए कार्रवाई करनी होगी और वेतन और क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए निर्णायक कदम उठाने होंगे। कांग्रेस नेता रमेश ने कहा कि पिछले दशक में देश में निजी निवेश में कमी देखने को मिली है। निवेश का सबसे बड़ा भाग निजी घरेलू निवेश 2014 के बाद से लगातार कमजोर हो रहा है। डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान यह मजबूती से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 25 से 30 प्रतिशत के बीच में रहा था। पिछले 10 वर्षों में यह गिरकर 20 से 25 प्रतिशत पर आ गया है। निवेश में कमी के साथ-साथ उच्च नेट वर्थ वाले लोगों का बड़े पैमाने पर पलायन भी हुआ है। पिछले एक दशक में 17.5 लाख से अधिक भारतीयों ने दूसरे देशों की नागरिकता ली है। एक अनुमान के मुताबिक 2022 से 2025 के बीच 21,300 अरबपतियों ने भारत छोड़ा है।
“10 साल में भारत में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को ‘अनइज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में बदल दिया गया“
कांग्रेस नेता रमेश ने कहा कि पिछले 10 साल में भारत में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को ‘अनइज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में बदल दिया गया है। उन्होंने इसके पीछे तीन कारण बताते हुए कहा कि जीएसटी की प्रक्रिया जटिल है। दूसरी और दावों के विपरीत भारत में चीन का आयात बड़े स्तर पर बे-रोकटोक जारी है और तीसरा कमजोर उपभोग और स्थिर मजदूरी ने व्यक्तिगत ऋण की उपलब्धता के बावजूद भारत की उपभोग वृद्धि को कम कर दिया है।