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भारत के परमाणु कार्यक्रम के निमार्ता डॉ. राजगोपाल चिदंबरम का 88 वर्ष की आयु में निधन

भारत के परमाणु कार्यक्रम के निमार्ता डॉ. राजगोपाल चिदंबरम का 88 वर्ष की आयु में निधन

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Mumbai news :भारत सरकार के पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और परमाणु वैज्ञानिक राजगोपाल चिदंबरम (88) का शनिवार को तड़के 3.20 बजे मुंबई के जसलोक अस्पताल में निधन हो गया। परमाणु वैज्ञानिक चिदंबरम पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उनका इलाज जसलोक अस्पताल में चल रहा था। परमाणु वैज्ञानिक चिदंबरम भारत के परमाणु इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण व्यक्ति थे, जिन्होंने 18 मई, 1974 को देश के पहले परमाणु परीक्षण, पोखरण एक (आपरेशन स्माइलिंग बुद्धा) और 1998 में दूसरे, पोखरण दो (आपरेशन शक्ति) दोनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। उनके योगदान के लिए उन्हें 1975 में पद्म श्री और 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।


चिदंबरम चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज के पूर्व छात्र थे


1936 में चेन्नई में जन्मे चिदंबरम चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज के पूर्व छात्र थे। उन्होंने 1962 में भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी) में शामिल होने से पहले बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान में पीएचडी की। बीएआरसी में उनका करियर 1990 में निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति के साथ समाप्त हुआ। 1993 में वह परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष बने, जिस पद पर वह 2000 तक रहे।


परमाणु परीक्षणों का संचालन किया


अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, भारत ने 1998 में परमाणु परीक्षणों की अपनी दूसरी शृंखला का संचालन किया, जिसने देश की रणनीतिक परमाणु क्षमताओं को मजबूती से स्थापित किया। चिदंबरम भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते थे, जिसने वैश्विक परमाणु समुदाय के भीतर भारत के अलगाव को समाप्त कर दिया। 2002 में उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम के बाद देश के दूसरे प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्यभार सम्भाला और 2018 तक इस पद पर रहे। इस अवधि के दौरान, उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रगति का नेतृत्व किया, जिसमें ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के लिए ग्रामीण प्रौद्योगिकी कार्रवाई समूह, साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन एंड सिक्योरिटी और भारत भर में शैक्षणिक और शोध संस्थानों को जोड़ने के लिए राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क जैसी पहल शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स प्लेटफार्म पर अपना दुख व्यक्त किया, ‘डॉ राजगोपाल चिदंबरम के निधन से गहरा दुख हुआ। वह भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे और उन्होंने भारत की वैज्ञानिक और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें पूरा देश कृतज्ञता के साथ याद करेगा और उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।’



प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक डॉ. राजगोपाल चिदंबरम के निधन पर शोक व्यक्त किया


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक डॉ. राजगोपाल चिदंबरम के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मोदी ने कहा कि डॉ. राजगोपाल चिदंबरम भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे और उन्होंने भारत की वैज्ञानिक एवं सामरिक क्षमताओं को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, ‘डॉ. राजगोपाल चिदंबरम के निधन से बहुत दु:ख हुआ। वह भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे और उन्होंने भारत की वैज्ञानिक और सामरिक क्षमताओं को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें पूरा देश कृतज्ञता के साथ याद करेगा और उनके प्रयास आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।’

उल्लेखनीय है कि डॉ. राजगोपाल चिदंबरम का जन्म 11 नवम्बर, 1936 को चेन्नई में हुआ था। चिदंबरम का शनिवार मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उन्होंने पोखरण-क (1975) और पोखरण-कक (1998) के परमाणु परिक्षणों में अहम भूमिका निभायी थी। चिदंबरम को 1975 और साल 1999 में पद्मश्री और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

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