पिछले दो दिनों में 10 अभियंता निलंबित
संविदा वाले लाइनमैन को भी हटाया जा रहा
बिजलीकर्मी नेताओं ने कहा, उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं
Lucknow news, UP news: यूपी पावर कारपोरेशन में बिजली कम्पनियों के निजीकरण के मुद्दे पर अब आंदोलित बिजलीकर्मियों के नेतृत्व और कारपोरेशन के प्रबंधन के बीच टकराव बढ़ गया है। एक तरफ प्रबंधन कामकाज में लापरवाही के आधार पर अभियंताओं के निलंबन पर उतर आया है, तो दूसरी तरफ आंदोलित बिजलीकर्मियों नेतृत्व ने इसे उत्पीड़न करार देते हुए कहा है कि आंदोलन को दबाने के लिए यह सारी कार्रवाई की जा रही है। पिछले दो दिनों में अधीक्षण, अधिशासी अभियंताओं को मिलकर कुल 10 अभियंता निलंबित किये जा चुके हैं।
बिजली विभाग की एकमुश्त समाधान योजना में लापरवाही और राजस्व वसूली के लक्ष्य पूरे न करने पर यूपी पावर कारपोरेशन प्रबंधन अब तेजी से हरकत में आ गया है। बीते दो दिनों के दरम्यान पश्चिमांचल के विभिन्न जिलों में बिजली अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गयी है। पश्चिमांगचल विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन ने एक अधीक्षण अभियंता व चार अधिशासी अभियंता को शुक्रवार को निलंबित कर दिया। मेरठ में दो अभियंता भी निलंबित किये गये हैं। गुरुवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के तीन अधिशासी अभियंताओं को भी निलंबित किया गया। इसके अलावा लाइनमैन व एसएसओ के पद पर तीन से लेकर पांच वर्ष तक कार्यरत कार्मिकों को भी हटाया जा रहा है। प्रबंधन की इस कार्रवाई से बिजलीकर्मियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
पश्चिमांचल व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण किये जाने के प्रस्ताव के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन चला रही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि यूपी पावर कारपारेशन प्रबंधन निजीकरण के विरोध में चलाए जा रहे बिजलीकार्मिकों के आंदोलन को दबाने के लिए निलबंन आदि की कार्रवाई कर रहा है। समिति के संयोजक इंजीनियर शैलेन्द्र दुबे ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन अब उत्पीड़न पर उतर आया है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निलंबन आदि की कार्रवाई से आन्दोलनरत कार्मिकों को डराया, धमकाया जा रहा है।
उधर, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक का कहना है कि एकमुश्त समाधान योजना ओटीएस में पंजीकरण, मासिक राजस्व प्रगति, रेड राजस्व निर्धारण, लाइनलॉस, लम्बे अरसे से बिजली बिलों की वसूली न किये जाने, राजस्व निर्धारण, भार बढ़ोत्तरी आदि की खराब प्रगति पर यह कार्रवाई की गयी है। उन्होंने निर्देश जारी किये हैं कि सभी जिलों के अधिकारी अभियान चलाकर ओटीएस व अन्य लक्ष्यों को प्राप्त करना सुनिश्चत करें। किसी भी तरह की लापरवाही अक्षम्य है। निरंतर निर्देशों व समीक्षा के बाद भी कोई सुधार न दिखने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विद्युत वितरण मंडल प्रथम सहारनपुर के अधीक्षण अभियंता महेश कुमार अहिरवार को निलंबित किया गया है। इसी क्रम में विद्युत वितरण खंड नकुड़ के अधिशासी अभियंता देवेन्द्र गुप्ता, बबराला के अधिशासी अभियंता महेश चन्द्र विश्वकर्मा, गढ़मुक्तेश्वर के अधिशासी अभियंता आनंद गौतम और बुलंदशहर के शिकारपुर विद्युत वितरण खंड तृतीय के अधिशासी अभियंता अनीष कुमार माथुर को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मेरठ में अधीक्षण अभियंता शहर प्रशांत कुमार ने दो अवर अभियंताओं को भी खराब प्रगति पर निलंबित कर दिया है।
इससे पूर्व गुरुवार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने जौनपुर के तीन अधिशासी अभियंताओं को निलंबित किया था। इन तीनों पर ओटीएस योजना में खराब प्रदर्शन का आरोप है। पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड जौनपुर के अधीक्षक अभियंता विवेक खन्ना के अनुसार पावर कारपोरेश के अध्यक्ष डाक्टर आशीष गोयल मंगलवार की रात वीडियो में कान्फ्रेंसिंग पर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उसी समय जौनपुर जिले में एकमुश्त समाधान योजना और राजस्व वसूली प्रदर्शन के चलते और राजस्व वसूली में खराब प्रदर्शन के चलते अधिशासी अभियंता को निलंबित करने का निर्देश दिया। जौनपुर के तीन अधिशासी अभियंता निलंबित, ओटीएस में खराब प्रदर्शन
पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड जौनपुर के अधीक्षक अभियंता विवेक खन्ना के अनुसार पावर कारपोरेश के अध्यक्ष डाक्टर आशीष गोयल मंगलवार की रात वीडियो में कान्फ्रेंसिंग पर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उसी समय जौनपुर जिले में एकमुश्त समाधान योजना और राजस्व वसूली प्रदर्शन के चलते और राजस्व वसूली में खराब प्रदर्शन के चलते अधिशासी अभियंता को निलंबित करने का निर्देश दिया।
यूपी पावर कारपोरेशन का आकार
मुख्य अभियंता-लगभग 90
अधीक्षण अभियंता-लगभग 300
अधिशासी अभियंता-लगभग 1200
सहायक अभियंता-लगभग 2000