Ranchi news : 30 नवंबर और 1 दिसंबर को “हर बच्चा अनमोल रत्न” कार्यक्रम का आयोजन रांची के डुमरदगा स्थित संप्रेक्षण गृह में किया गया। दो दिवसीय इस मनोरंजक कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों की प्रतिभा और उपलब्धियों का जश्न मनाना था, साथ ही सभी को समान अवसर प्रदान करके उनके समावेशी विकास को बढ़ावा देना और उनमें अपनेपन की भावना को बढ़ावा देना था।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति डॉ. एस.एन. पाठक, न्यायाधीश और अध्यक्ष, किशोर न्याय-सह-POCSO समिति और विशिष्ट अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्रीमती अनुभा रावत चौधरी, न्यायाधीश और समिति की सदस्य, झारखंड उच्च न्यायालय उपस्थित थे।
कार्यक्रम के सबसे खास 140 से अधिक संप्रेक्षण गृह के बच्चे थे। बच्चों ने आदिवासी और देशभक्ति नृत्य, योआसन प्रदर्शन, लोकगीत, स्वामी विवेकानंद पर एकालाप आदि सहित जीवंत प्रदर्शनों के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। गणित की परीक्षा, जी.के. क्विज, निबंध लेखन सहित कई रोमांचक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। शतरंज प्रतियोगिता, कैरम प्रतियोगिता, बोरी दौड़, मार्बल स्पून रेस, संगीत प्रतियोगिता में अवलोकन गृह के प्रत्येक बच्चे ने भाग लिया। इन आयोजनों ने बच्चों को विभिन्न विषयों, बौद्धिकता, शारीरिक और कलात्मक क्षमताओं में अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान किया, जिससे उनका समग्र विकास हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत बाल दिवस, 14 नवंबर को हुई, जहाँ “12वीं फेल” फिल्म दिखाई गई और ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ट्रैक सूट, जूते, प्रमाण पत्र, मेडल आदि पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। सभी बच्चों को सर्दियों की जैकेट और किताबें वितरित की गईं, जो देखभाल और प्रोत्साहन का प्रतीक है।
गणमान्य व्यक्ति जैसे सुश्री संध्या रानी मेहता, डीआईजी (सीआईडी), वरिष्ठ सीआईडी अधिकारी, श्री मनोज कुमार, सचिव, महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग (डीडब्ल्यूसीडी एंड एसएस), श्री अभय नंदन अंबष्ठ, विकलांग आयुक्त, सुश्री समीरा एस., निदेशक, जेएससीपीएस, सरकारी अधिकारी, अधिवक्ता हेमलता रावत और डॉ. रूपश्री, अध्यक्ष, समर्पण, देवघर, एनजीओ, कर्नल जे के सिंह, ओएच में सुरक्षा के लिए नोडल अधिकारी और अन्य अतिथि शामिल थे। कार्यक्रम का समन्वयन श्री राजीव रंजन, सचिव और सुश्री तन्वी, उप सचिव द्वारा किया गया। किशोर न्याय-सह-पॉक्सो समिति, झारखंड उच्च न्यायालय, रांची।
मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति डॉ. एस.एन. पाठक ने एक सम्मोहक संदेश देते हुए इस बात पर जोर दिया कि चरित्र निर्माण और नैतिक विज्ञान शिक्षा का महत्व। इसके अलावा, बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए और श्रीमती न्यायमूर्ति अनुभा रावत चौधरी, अतिथि ने सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया ताकि एक ऐसा माहौल बनाया जा सके जो बच्चों के अधिकारों की रक्षा करे।
सशक्तीकरण माननीय न्यायाधीश ने किए गए अपराधों के प्रभाव को संबोधित करने के लिए संवेदनशील परामर्श पर जोर दिया। मूल्यवान और समर्थित महसूस कर सकें।श्री मनोज कुमार, सचिव, डीडब्ल्यूसीडी एंड एसएस योग से बहुत प्रभावित हु बच्चों द्वारा किए गए प्रदर्शन की सराहना की और निरीक्षण गृह में सभी बच्चों के लिए योग मैट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ रूपा श्रीं ने समर्पण देवघर की ओर से करते हुए बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए किशोर न्याय की कदम की सराहना की ।मंच संचालन एडवोकेट अमन अमिताभ ने बखूबी निभाया।