Prayagraj news : महाकुम्भ में मंगलवार को 4.64 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। इस तरह आज महाकुम्भ नगर दुनिया का सबसे बड़ा जिला बन गया है। वहीं,13 जनवरी से अब तक कुल 17.15 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। उम्मीद है कि मौनी अमावस्या पर आठ से दस करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाएंगे। मौनी अमावस्या से पहले ही मंगलवार को स्थिति ऐसी है कि सड़कें-गलियां सब फुल हैं। त्रिवेणी की रेती पर भारी भीड़ जमा हो गई है। लोगों का आना जारी है। संगम से 15 किमी तक जाम ही जाम है। इलाके में हाई अलर्ट है।
महाकुम्भ में रात होते-होते भीड़ तेजी से बढ़ती जा रही है। हर तरफ सिर्फ सिर ही सिर दिखाई दे रहे हैं। प्रयागराज की सड़कों से लेकर गलियां तक फुल हैं। भीड़ संभालने के लिए प्रशासन ने जगह-जगह बैरिकेडिंग कर रखी है, लेकिन आने वाली भीड़ बैरिकेडिंग तोड़ दे रही है। ऐसा ही शास्त्री ब्रिज पर देखने को मिला। यहां भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और पुल से डायरेक्ट नीचे उतरकर मेले के अंदर चले गए। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी पैर रखने तक की जगह नहीं है। सिर्फ 2 घंटे में (शाम 4 से 6 बजे के बीच) 70 लाख लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है।
वहीं, महाकुम्भ नगर एक बार फिर विश्व का सबसे बड़ा जिला बन गया। मंगलवार को प्रयागराज की आबादी साढ़े 4 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई। खबर लिखे जाने तक 4.64 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। इसमें अगर जिले की आबादी करीब 70 लाख जोड़ ली जाए, तो प्रयागराज में एक दिन की संख्या 5.34 करोड़ रिकॉर्ड की गई। ऐसे में आबादी के लिहाज से विश्व के सबसे बड़े शहर टोक्यो को भी प्रयागराज ने पीछे छोड़ दिया। इससे पहले मकर संक्रांति पर भी 4.20 करोड़ लोगों के साथ प्रयागराज विश्व का सबसे बड़ा जिला बनने का रिकॉर्ड बना चुका है। भीड़ को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया गया है।
हर चार मिनट में एक ट्रेन का मूवमेंट
ट्रेनों से महाकुम्भ पहुंचने वाले और वहां से फिर आने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने भी ‘महाप्लान’ तैयार किया है। हर चार मिनट में एक ट्रेन का रिकॉर्ड मूवमेंट हो रहा है। इसके लिए 190 मेला स्पेशल और 130 रूटीन ट्रेन चलाई जा रही हैं। रेलवे बोर्ड के सीआरबी और सीईओ सतीश कुमार ने बताया कि मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन महाकुम्भ में बड़ी संख्या में लोग स्नान करने पहुंचेंगे। सतीश कुमार ने बताया कि महाकुम्भ के दौरान 13 हजार से अधिक ट्रेनें चलाई जाएंगी। इनमें 10 हजार रेगुलर और तीन हजार से अधिक मेला स्पेशल हैं।
मौन रहकर करें स्नान
अमृत स्नान की तिथियां सूर्य, चंद्र और बृहस्पति के ज्योतिषीय मेल पर आधारित होती हैं और माना जाता है कि इनके योग से पवित्र नदियों की अध्यात्मिक शक्ति बढ़ जाती है। यह भी माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों का जल अमृत में परिवर्तित हो जाता है। मौनी अमावस्या का स्नान पारंपरिक रूप से मौन रहकर किया जाता है।
होगी पुष्प वर्षा
राज्य सरकार ने कहा कि उसने मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को सुबह पौने सात बजे श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने की योजना बनाई है। अमृत स्नान (पूर्व में शाही स्नान), मेले का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा स्नान पर्व होता है, जिसमें दुनियाभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं।
पुलिस का सहयोग करें
एसएसपी महाकुम्भ नगर राजेश द्विवेदी ने बताया- दूसरे अमृत स्नान मौनी अमावस्या को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। खासकर श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा रहा है कि वो सजग रहें और किसी तरह की अफवाह में न फंसें। व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का सहयोग करें और किसी भी तरह की समस्या में पुलिस का सहयोग लें। पुलिस और प्रशासन श्रद्धालुओं की मदद के लिए 24 घंटे उपलब्ध है।
क्या करें?
संगम घाट पहुंचने के लिए अलग-अलग लेन से ही जाएं।
गंगा स्नान के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें।
आने वाले श्रद्धालु स्नान और दर्शन करने के बाद सीधे पार्किंग की ओर जाएं।
मंदिरों में दर्शन के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें, वहां से अपने गंतव्य के लिए जाएं।
जरूरत पड़ने पर पुलिस का सहयोग लें।
ट्रैफिक पुलिस भी आपकी मदद के लिए तत्पर है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर नजदीकी सेक्टर में बने हॉस्पिटल में जांच कराएं।
बैरिकेडिंग और पांटून पुलों पर धैर्य बनाए रखें, जल्दबाजी और धक्कामुक्की से बचें।
कागज, जूट या इको फ्रेंडली बर्तनों और कुल्हड़ का ही प्रयोग करें।
सभी घाट संगम घाट हैं, जिस घाट पर पहुंच जाएं वहीं स्नान करें।
क्या न करें?
श्रद्धालु कहीं एक साथ एक स्थान पर ना रुकें।
किसी भी स्थिति में आने और जाने वाले श्रद्धालु आमने-सामने ना पड़ें।
मेले में किसी द्वारा फैलाई गई अफवाहों पर ध्यान न दें।
सोशल मीडिया पर फैलाए गए किसी भी भ्रम को सच न मानें।
मंदिरों में दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की हड़बड़ी न दिखाएं।
होल्डिंग एरिया के बजाय रास्तों पर न रुकें, किसी तरह का अवरोध न उत्पन्न करें।
व्यवस्था या सुविधा को लेकर किसी के भी बहकावे में आने से बचें।
किसी प्रकार की भ्रामक खबरों को आगे बढ़ाने से बचें।
पवित्र स्नान के लिए किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें।
प्लास्टिक की पन्नियों और बर्तनों का इस्तेमाल करने से बचें।
30 तक स्कूल बंद, हाईकोर्ट में भी अवकाश
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। उम्मीद है कि इस बार एक दिन में करीब 10 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। उधर, मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर होने वाली भीड़ के कारण हाईकोर्ट की प्रधान पीठ, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट), जिला न्यायालय और नगर क्षेत्र के 12वीं तक के स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई हैं। रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ में 28 और 30 जनवरी को अवकाश रहेगा। इसके स्थान पर 17 मई और 23 अगस्त को कार्य दिवस होगा।