Saharsa news : सौर बाजार प्रखंड क्षेत्र में गोवर्धन पूजा धूमधाम से हुई। श्रद्धालुओं ने वरुण देव, इंद्रदेव, अग्नि देव सहित अन्य देवताओं की पूजा की। बताया जाता है कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाया जाता है। लेकिन, अबकी बार दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाया गया। श्रद्धालुओं ने गाय को स्नान कर उसकी पूजा कर आरती उतारी। फिर उसी गाय के दूध से मिठाई बनाकर श्री कृष्ण को भोग लगाया गया। गायों को हरा चारा, गुड़ आदि खिलाया गया और सुख समृद्धि की कामना की। वहीं सभी गायों को श्रृंगार भी किया गया।
गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया
गौ पालक नगर पंचायत सौर बाजार निवासी रामविलास यादव और कैलाश यादव ने संयुक्त रूप से बताया कि यह पूजा जब ग्रामीण वज्रवासी की पूजा करते थे तो भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की जगह गोवर्धन पूजा करने के बात कहीं तो इंद्र रूष्ट हो गए और उन्होंने अपना प्रभाव दिखाते हुए ब्रजमंडल में मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। इसी वर्षा से ग्रामीणों को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया और ब्रज से ग्राम वासियों की रक्षा की।
56 भोग का प्रसाद लगाया गया
गोवर्धन पर्वत के नीचे दिन तक सभी ग्रामीणों के साथ गोपिया उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। फिर ब्रह्मा जी ने इंद्र बताया कि पृथ्वी पर विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया और उसी ने अपने बैर लेना उचित नहीं है यह जानकर इंद्र देव ने भगवान श्री कृष्ण से क्षमा याचना की। भगवान श्री कष्ण सातवें दिन गोवर्धन पर्वतों को नीचे रखा। इसके बाद भगवान कृष्ण गोवर्धन पूजा के लिए 56 भोग बनाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का भी आदेश दिया था।