•प्रधानमंत्री ने जमुई से किया 6,640 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्या
New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के जमुई में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह के शुभारम्भ के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस समारोह में कहा कि जनजातीय समाज की पढ़ाई, कमाई और दवाई पर हमारी सरकार का बहुत जोर है।
प्रधानमंत्री ने 6,640 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया और भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। उन्होंने पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत आदिवासी परिवारों के लिए बनाये गये 11,000 घरों के ‘गृह प्रवेश’ में भी वर्चुअली भाग लिया।
“आदिवासी बहुल जिलों में बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव उपवन बनाये जायेंगे“
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में देश के आदिवासी बहुल जिलों में बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव उपवन बनाये जायेंगे। इसमें हजारों पेड़ लगाये जायेंगे।
प्रधानमंत्री ने पूर्व की सरकारों पर आदिवासी समुदाय के विकास की अनदेखी करने और आजादी के आन्दोलन में उनकी भूमिका को मिटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने आदिवासी लोगों की बेहतरी के लिए कभी काम नहीं किया।
“आदिवासी इतिहास के अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिशें की गयीं “
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस का नाम लिये बिना कहा कि आजादी के लिए एक ही दल को श्रेय देना गलत है। उन्होंने कहा कि कई आदिवासी नेता थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। मोदी ने कहा, “आजादी के बाद के दशकों में आदिवासी इतिहास के अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिशें की गयीं। इसके पीछे भी स्वार्थ भरी राजनीति थी। राजनीति यह थी कि भारत की आजादी के लिए सिर्फ एक ही दल को श्रेय दिया जाये। लेकिन, अगर एक ही दल, एक ही परिवार ने आजादी दिलायी है, तो भगवान बिरसा मुंडा का उलगुलान आन्दोलन क्यों हुआ था, संथाल क्रांति क्या थी, कोल क्रांति क्या थी?”
“एनडीए सरकार ने ही आदिवासी कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाया था“
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने ही आदिवासी कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाया था। 10 साल पहले आदिवासी क्षेत्रों और आदिवासी परिवारों के विकास के लिए बजट 25,000 करोड़ रुपये से भी कम था। हमारी सरकार ने इसे 05 गुना बढ़ा कर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही हमने देश के 60,000 से ज्यादा आदिवासी गांवों के विकास के लिए एक विशेष योजना धरती आबा, जनजातीय ग्राम, उत्कर्ष अभियान शुरू की है। इसके तहत आदिवासी गांवों में करीब 80,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा। इसका उद्देश्य आदिवासी समाज को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर पैदा करना है।
मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज ने राजकुमार राम को भगवान राम बनाया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने भारत की संस्कृति और आजादी की रक्षा के लिए सैकड़ों वर्षों की लड़ाई को नेतृत्व दिया।
“हमने रांची में भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर विशाल संग्रहालय की शुरुआत की“
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आदिवासी विरासत को सहेजने के लिए भी अनेक कदम उठाये हैं। आदिवासी कला-संस्कृति के लिए समर्पित अनेक लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हमने रांची में भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर विशाल संग्रहालय की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज का भारत की पुरातन चिकित्सा पद्धति में भी बहुत बड़ा योगदान है। इस धरोहर को भी सुरक्षित किया जा रहा है और भावी पीढ़ी के लिए नये आयाम भी जोड़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के लिए सिकल सेल एनीमिया की बीमारी एक बहुत बड़ी चुनौती रही है। हमारी सरकार ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया है, जिसको शुरू हुए एक साल हो चुका है। इस दौरान करीब 4.5 करोड़ साथियों की स्क्रीनिंग हुई है। आदिवासी परिवारों को अन्य बीमारियों की जांच के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े, इसके लिए बड़ी संख्या में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाये जा रहे हैं।