• झारखंड कैबिनेट ने लगाई 29 प्रस्तावों पर स्वीकृति की मुहर
Ranchi News : मुख्यमंत्री हेमन्त साेरेन की अध्यक्षता में साेमवार काे हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 29 प्रस्तावों पर मुहर लगी। बैठक में मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना से अब राज्य की योग्य लाभुक महिलाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह के बजाय 2500 रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि देने का फैसला हुआ। यानी साल में अब 12 हजार रुपये के बदले 30 हजार रुपये महिलाओं को मिलेंगे। अगस्त से प्रारम्भ हुई इस योजना में महिलाओं को एक हजार रुपये की राशि भेजी जा रही है। दिसम्बर से अब 2500 रुपये भेजने की तैयारी है। इसका लाभ 50 लाख महिलाओं को मिलेगा और सरकार को अतिरिक्त नाै करोड़ रुपये वित्तीय भार सालाना पड़ेगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट सचिव वंदना ददेल ने बताया कि नेतरहाट पर्यटन क्षेत्र के विकास और भूमि अधिग्रहण के लिए 43 करोड़ आठ लाख रुपये की राशि मंजूर की गयी। नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर चाईबासा, दुमका के साथ-साथ बोकारो में भी आवासीय स्कूल खोले जायेंगे। गढ़वा में बिलासपुर पश्चिम बीरबल चौक तक 109 करोड़ की पथ परियोजना की स्वीकृति हुई। मनरेगा के साथ अभिसरण से बन रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों की कुल राशि 11.66 लाख खर्च होगी। कृष्णा राय जल प्रमंडल दुमका की सेवा अविधि का दैनिक वेतन अवधि में जोड़ करके पूरी राशि देने का फैसला हुआ। ज्ञानोदय योजना के तहत 50 प्रारंभिक स्कूल में विज्ञान व गणित की प्रयोगशाला स्थापित करने की स्वीकृति मिली। बिहार राज्य निर्माण निगम लिमिटेड के बकाया स्वीकृत करने के लिए 38 करोड़ मंजूर किया गया।
अनाथ और दिव्यांग बच्चों को नि:शुल्क ट्यूशन फीस मिलेगी
राज्य के दिव्यांग, अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए नि:शुल्क ट्यूशन फीस देने की स्वीकृति दी गयी। इस योजना पर सालाना 24 करोड़ खर्च होगा। यह ट्यूशन फीस 10 लाख रुपये अधिकतम सालाना दी जायेगी। इसके ऊपर उन्हें खुद वहन करना पड़ेगा। इसमें प्रतिमाह ₹4000 उच्च शिक्षा के लिए दी जायेगी। हॉस्टल इत्यादि खर्च के लिए राशि अलग से नहीं दी जायेगी।
इसी तरह राष्ट्रीय शिक्षा के तहत झारखंड अंतर्गत राजकीय विश्वविद्यालय में चार साल डिग्री प्रोग्राम योजना की स्वीकृति दी गयी। वहीं, कस्तूरबा विद्यालय में कार्यरत टीचर और कर्मचारी निधि की सुविधा दी जायेगी। वहीं, राज्य में मदरसा माइनॉरिटी स्कूल में संचालित शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से राज्य योजना से संचालित करने की स्वीकृति दी गयी।
बैठक में रांची विश्वविद्यालय में रांची के मुख्यालय एवं विभिन्न अंगीकृत महाविद्यालय में सेवा दे रहे नेट पास कक्षा आधारित शिक्षकों की सेवा को आवश्यकता आधारित सेवा में करने की स्वीकृति दी गयी। उच्चतर शिक्षण संस्थानों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए योजना की स्वीकृति दी गयी। 20 करोड़ खर्च होगा।
कैबिनेट ने गोड्डा जिला के अंतर्गत ठाकुर गंग टी में डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए 40 करोड़ की स्वीकृति दी। वहीं, महिला महाविद्यालय बहरागोड़ा की स्थापना के लिए 38 करोड़ की योजना स्वीकृत की। राजकीय विश्वविद्यालय में डुअल डिग्री के लिए योजना मंजूर की।
रिनपास रांची में निदेशक की नियुक्ति एवं सेवा शर्त में संशोधन किया गया। राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय जमशेदपुर बहरागोड़ा के निर्माण के लिए 254 करोड़ रुपये की मंजूरी की गयी। राजकीय पॉलिटेक्निक पोटका, जमशेदपुर के निर्माण के लिए 136 करोड़ की योजना मंजूरी की गयी।
असम में रह रहे झारखंड के आदिवासियों के उत्थान लिए बनेंगी योजनाएं
बताया गया कि असम में रह रहे 15 लाख से अधिक आदिवासी, जिन्हें अब तक एसटी का दर्जा नहीं मिला है, वह ओबीसी में शामिल हैं, उनके लिए झारखंड सरकार कई तरह की योजनाएं लायेगी। इसके लिए आदिवासी कल्याण मंत्री के नेतृत्व में एक सर्वदलीय कमेटी असम भेजी जायेगी। वहां की स्थिति की जानकारी लेने के बाद उनके हित को लेकर कई योजनाएं लायी जायेंगी।
भारत सरकार और असम सरकार से भी इसके लिए समन्वय किया जायेगा। कैबिनेट सचिव ने बताया कि असम में करीब 70 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है जिसमें झारखंड से करीब 15 लाख 20 से 22 प्रतिशत लोग वहां है। इन्हें सरकारी योजनाओं के सुविधा पहुंचायी जायेगी। यह भी तय हुआ कि पारा शिक्षक और कस्तूरबा विद्यालय में कार्यरत शिक्षक कर्मी सहायक अध्यापक इत्यादि को ईपीएफओ योजना का लाभ मिलेगा।