Dharma-Karma, religious, God and goddess Spirituality, Astrology, jyotish Shastra, dharmik totke, vastu Shastra, dharm adhyatm, Sanatan Dharm, hindu dharma : शायद आप पहले यह नहीं जानते होंगे कि ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत एक सामुद्रिक शास्त्र भी होता है, जो मनुष्य के शरीर के अंगों की संरचना के आधार पर उसके स्वभाव का मूल्यांकन करता है। आज हम इस अनोखे शास्त्र के आधार पर आपके पैर के अंगूठे की बगल वाली अंगुली की लंबाई के आधार पर आपके स्वभाव की चर्चा करेंगे। यह चर्चा आपके ही स्वभाव की नहीं, बल्कि सबके स्वभाव की होगी, क्योंकि इसमें सभी तरह के लोगों का वर्णन निहित है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, पैरों के अंगूठे के बगल की अंगुली की तीन पोजीशन होती है। यह अंगूठे के बराबर होती है, यह अंगूठे से छोटी होती है या अंगूठे से बड़ी होती है। इन तीनों स्थिति में मनुष्य का अलग-अलग स्वभाव होता है। इसका अपवाद भी मिल सकता है।
अंगूठे के बराबर बगल की अंगुली
सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि पैर का अंगूठा और उसके पास वाली अंगुली बराबर हो, ऐसा लोगों का जीवन सुख-सुविधाओ में गुजरता है। संतान और परिवार का सुख मिलता है। यह लोग सरस स्वभाव के होते हैं। मेहनती भी होते हैं। दूसरों की सहायता भी करते हैं।
अंगूठे से छोटी बगल वाली अंगुली
सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि जिन लोगों के पैर के अंगूठे के बगल की अंगुली छोटी होती है, वे लोग हमेशा खुश रहना पसंद करते हैं। इन लोगों को वह काम करना पसंद होता है, जिनमें इन्हें खुशी मिले। कोई भी इनकी बात नहीं मानता है, तो नाराजगी भी जताने लगते हैं।
अंगूठे से बड़ी बगल वाली अंगुली
सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि जिन लोगों के पैर के अंगूठे की बगल की अंगुली अंगूठे की तुलना में लंबी होती है, तो ऐसे व्यक्ति स्वभाव से जिद्दी होते हैं। दूसरों के आगे झुकना पसंद नहीं करते हैं और हर किसी को अपनी बात मनवाने पर मजबूर करते हैं। ये बड़ी सफलता भी हासिल करते हैं। यह लोग ढृढ़ निश्चयी होते हैं।