NewYork news : गाजा और लेबनान में दो मोर्चों पर जंग लड़ रहे इजरायल को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने तगड़ा झटका दिया है। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। अदालत नेतन्याहू के खिलाफ कुछ समय से सुनवाई कर रही थी। गुरुवार को अदालत ने अपने आदेश में कहा कि “मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध” के लिए नेतन्याहू और इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है। आईसीसी का यह कदम गाजा में इजरायल के भीषण हमले के बाद कानूनी कार्यवाही का विस्तार है। आईसीसी का मानना है कि हमास को मिटाने की आड़ में इजरायली सेना निर्दोषों का भी कत्ल कर रही है और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है। इजरायली हमले में करीब 44 हजार गाजावासियों की जान जा चुकी है। हालांकि इसमें हमास आतंकियों और आम लोगों की अलग-अलग संख्या नहीं बताई गई है।
इजरायल की अपील को खारिज करने का फैसला
गुरुवार को आईसीसी ने कहा कि उसने सर्वसम्मति से इजरायल की अपील को खारिज करने का फैसला किया है। इसमें कहा गया है कि वह यह मानता है कि नेतन्याहू और गैलेंट गाजा में युद्ध अपराध के दोषी हैं और उनकी वजह से लाखों निर्दोष भुखमरी के कगार पर हैं और हजारों की मौत भी हो चुकी है। आईसीसी ने कहा कि इजरायली पीएम ने गाजा के नागरिकों को “जानबूझकर” भोजन, पानी, दवा, चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन एवं बिजली से वंचित रखा।
आईसीसी जब से इजरायली नरसंहार के मामले की सुनवाई कर रही है। नेतन्याहू खुद पर लगे इन आरोपों से पल्ला झाड़ चुके हैं। उन्होंने आईसीसी में कार्यवाही के दौरान खुद पर लगे आरोपों को बेतुका और झूठा करार दिया। उन्होंने दावा किया कि वास्तविकता को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। इजरायल ने तर्क दिया है कि आईसीसी द्वारा किसी भी लोकतांत्रिक देश के साथ इस तरह के “पूर्वाग्रहपूर्ण तरीके” से व्यवहार नहीं किया जा सका। उनका देश कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्ध है।
…तो क्या गिरफ्तार होंगे नेतन्याहू
आईसीसी के इस ऐक्शन का मतलब साफ है कि अगर नेतन्याहू और गैलेंट आईसीसी के सदस्य देशों की यात्रा करते हैं, तो उन देशों को उन्हें गिरफ्तार करना होगा। इस वक्त आईसीसी के सदस्य देशों की संख्या 124 है। बता दें कि इससे पहले आईसीसी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ भी अरेस्ट वारंट जारी कर चुके हैं। पुतिन पर यूक्रेन में तबाही मचाने और लाखों लोगों की जान लेने के आरोप हैं। पुतिन की सेना फरवरी 2022 से यूक्रेन में युद्ध लड़ रही है।