Sahibganj news, Jharkhand news : झारखंड में घुसपैठ का भंडाफोड़ हो गया है। यहां के पांच जिलों में आबादी से अधिक जारी आधार कार्ड इसे प्रमाणित कर रहे हैं। खासकर, बंगाल की सीमा से सटे संताल परगना के साहिबगंज व पाकुड़ में अनुमानित जनसंख्या से अधिक लोगों के आधार कार्ड बन गए हैं। यूआइडीएआइ के आंकड़ों की मानें तो लोहरदगा में कुल जनसंख्या का 108.81 प्रतिशत, गढ़वा में 101.22 तो लातेहार में 102.77 प्रतिशत लोगों का आधार कार्ड बना है।
चार दिनों तक घुसपैठ का प्रमाण जुटाकर लौटी इंटेलिजेंस ब्यूरो की दो टीमें
झारखंड हाई कोर्ट ने घुसपैठ के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के क्रम में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को इसकी जांच की जिम्मेवारी सौंपी थी। इसके बाद संताल के जिलों में घुसपैठियों की पहचान की जा रही है। इंटेलिजेंस ब्यूरो और आंतरिक खुफिया विभाग की दो टीम बांग्लादेशी घुसपैठ का प्रमाण जुटाने के लिए पिछले सप्ताह साहिबगंज पहुंची थी। ये दोनों टीमों ने 15 से 18 दिसंबर तक जिले में रहकर बांग्लादेशी घुसपैठ से संबंधित कई सबूतों को एकत्र किए। इसके बाद टीम यहां से वापस लौट गई। दोनों टीमों में पांच-पांच आइबी अधिकारी शामिल थे।
यहां रोजगार के पलायन चरम पर, फिर आधार भरमार
जानकारों का कहना है कि आधार बनाने के आंकड़े राजधानी रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो आदि बड़े शहरों से आते तो यह स्वीकार्य भी था, क्योंकि इन जिलों में दूर-देश के लोग रोजगार व अन्य कारणों से रहते हैं, लेकिन, संताल के जिलों की कहानी अलग है। साहिबगंज-पाकुड़ की बड़ी आबादी रोजगार के लिए बाहर यथा दूसरे प्रदेशों में रहती है। अक्टूबर 2024 तक साहिबगंज जिले की अनुमानित आबादी 13 लाख 92 हजार 393 थी, लेकिन यहां 14 लाख 53 हजार 634 लोगों का आधार कार्ड बन चुका है। इसी तरह पाकुड़ की कुल आबादी 10 लाख 89 हजार 673 है, जबकि यहां 11 लाख 36 हजार 959 लोगों का आधार बनाया जा चुका है।