New Delhi news : भारत के खिलाफ बोलकर एक प्रकार से ईरान फंस गया। अब इस मामले में भारत और इजरायल ने मिलकर ईरान को सबक सिखा दिया है। बता दें कि भारत को लेकर खामनेई का एक ट्वीट आया कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है। उन्होने सोशल मीडिया एक्स पर यह बात कही और दुनियाभर के मुसलमानों के बीच एकजुटता की जरूरत बताई। खामनेई ने लिखा कि अगर हम म्यामार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर है तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए। एक प्रकार से ईरान ने भारत के मुसलमानों की तुलना गाजा और म्यामांर के रोहिंग्याओं से कर दी।
कड़े शब्दों में भारत का जवाब
भारत के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों का कड़े शब्दों में जवाब दिया है और खामेनेई के बयान की निंदा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम ईरान के सर्वोच्च नेता के भारत में अल्पसंख्यकों के संबंध में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। ये गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य हैं।
इसराइल ने जताया कड़ा एतराज राज
खामनेई ने जैसे ही अपने ट्वीट में भारत का नाम लिया तो वो ट्वीट वायरल हो गया। 15 लाख से ज्यादा लोगों ने इस ट्वीट को देखा। एक्सपर्ट का कहना है कि ईरान न्यूक्लियर हथियार बनाने की कगार पर है। ऐसे में अगर वो न्यूक्लियर हथियार का परीक्षण करता है तो उसे मुस्लिम देशों का समर्थन चाहिए होगा। इसलिए खामनेई ने अपने ट्वीट में मुस्लिम उम्माह का जिक्र किया है। मुस्लिम उम्माह का मतलब दुनियाभर के मुसलमान। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने तो ईरान के सुप्रीम लीडर को टैग करते हुए लिखा कि खामनेई तुम अपने ही लोगों के हत्यारे हो, उनका दमन करने वाले हो। इजरायल, भारत समेत सभी लोकतांत्रिक देशों में मुस्लिम पूरी स्वतंत्रता के साथ रहते हैं।