गाजा में ताजा अटैक में मरने वालों की संख्या 80 से ज्यादा
अब तक मृतकों की संख्या 45 हजार के पार, ज्यादातर महिलाएं और बच्चे
Tel aviv news : हमास ने दावा किया है कि शनिवार देर रात इजरायल ने गाजा में एक और नरसंहार करके लाशों का ढेर लगा दिया। हालांकि, इजरायल का कहना है कि हमास झूठ बोल रहा है और इसे नरसंहार कहना गलत है। पूरी दुनिया तस्वीरों से गाजा का भीषण रक्तपात और नरसंहार देख रही है। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, हमास के इस प्रमुख गढ़ में मरने वालों की संख्या 45 हजार पार कर गई है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। गाजा में ताजा अटैक में मरने वालों की संख्या 80 पार कर गई। इन दावों पर इजरायली सेना का कहना है कि कि गाजा में उसके हमले से मरने वालों की संख्या उतनी नहीं है, जितनी हमास दुनिया में चीख-चीख कर बता रहा है। आईडीएफ ने रविवार को बयान दिया कि गाजा में इजरायल के इस ऑपरेशन को नरसंहार नहीं कहा जा सकता। हमास आतंकियों ने शनिवार देर रात बयान दिया कि उत्तरी गाजा पट्टी के बेत लाहिया में आईडीएफ के एक और कत्लेआम में 80 लोगों की जान गई है। हमास के इस दावे पर आईडीएफ ने बयान जारी किया। उसने कहा कि गाजा में सरकारी कार्यालयों द्वारा इजरायली ऑपरेशन में जान गंवाने वालों की संख्या बहुत ज्यादा बताई जा रही है, असल में यह उतनी नहीं है, इसलिए इसे नरसंहार कहना सही नहीं।
इजरायल ने पट्टी में ‘नरसंहार’ किया
दूसरी ओर हमास ने बयान जारी कर दावा किया कि इजरायल ने पट्टी में ‘नरसंहार‘ किया है। हमास के नए चीफ याह्या सिनवार के खात्मे के बाद हमास नेता के संभावित उम्मीदवार खलील अल-हय्या ने अल जजीरा से कहा कि इजरायल उत्तरी गाजा में हमारे लोगों को उखाड़ फेंकने के लिए एक योजनाबद्ध अभियान चला रहा है। इस पर आईडीएफ प्रवक्ता ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गाजा पर सरकारी नियंत्रण हमास के पास है। इसलिए प्रारंभिक जांच के अनुसार, उसके ऑपरेशन में मरने वालों की संख्या जो बताई जा रही है, वह सरासर गलत है। आईडीएफ के पास उपलब्ध सूचना से यह आंकड़ा मेल नहीं खाता। उन्होंने आगे कहा कि आईडीएफ इस मामले में मीडिया रिपोर्टों को सतर्क रहने की सलाह देता है कि वे हमास द्वारा बताए जा रहे झूठ से बचकर रहें। पिछली घटनाओं में भी यही साबित हुआ है। इस बीच, आईडीएफ सूत्रों ने बेत लाहिया के दक्षिण में स्थित और हमास के गढ़ जाबालिया शरणार्थी शिविर में आम लोगों के बीच हमास आतंकियों के छिपकर रहने के दावे किए हैं। आईडीएफ का कहना है कि उन्होंने शरणार्थी शिविर में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान चले जाने आग्रह किया है, लेकिन हमास के दबाव में उन्हें वहीं रहना पड़ रहा है।