संभल पर बोले, देश मुस्लिम लीग के अनुसार नहीं चलेगा
Prayagraj news : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं बोलना चाहिए। यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ भी है कि किसी की भी आस्था को ठेस पहुंचाकर, वहां मस्जिदनुमा ढांचा खड़ा कर दिया हो। ऐसे स्थान पर किसी भी प्रकार की होने वाली इबादत खुदा को भी मंजूर नहीं होती है। जब खुदा को मंजूर नहीं होती है, तो बेकार में वहां क्यों इबादत की जाए। साथ ही संभल की जामा मस्जिद पर कहा कि कुछ लोगाें संभल जिले से अधिक की जमीन को वक्फ बोर्ड की जमीन बतायी है, जबकि संभल में इतनी जमीन ही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश मुस्लिम लीग के अनुसार नहीं चलेगा।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को ये बातें महाकुम्भ मेला क्षेत्र में ऐरावत घाट पर एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इस्लाम में उपासना के लिए एक स्ट्रक्चर खड़ा हो, यह आवश्यक नहीं है, जबकि यह सनातन धर्म में है।सनातनी उपासना के लिए मंदिर जाएगा। यह समय एक नये भारत के बारे में सोचने के साथ आगे बढ़ने का है। हमे इस ओर ध्यान देना चाहिये।
उन्होंने कहा कि एक वर्ष पहले अयोध्या में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करके रामलला का विराजमान होना और 144 वर्षों बाद इस तरह के मुहूर्त में महाकुंभ का होना, ये ईश्वर की कृपा है। मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में मुसलमानों की एंट्री पर कहा कि जिनके मन में भारत और भारतीयता के प्रति, भारत की सनातन परंपरा के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव है, वो यहां पर आएं, लेकिन अगर कोई कुत्सित मानसिकता के साथ यहां आता है, तो मुझे लगता है कि उसकी भावनाओं को भी अच्छा नहीं लगेगा और उसके साथ अन्य तरीके से भी व्यवहार हो सकता है। इसलिए वैसे लोग न भी आएं तो अच्छा है, लेकिन श्रद्धा के साथ आने वाला हर व्यक्ति प्रयागराज आए। बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसी कालखंड में किसी दबाव में आकर उनके पूर्वजों ने उपासना विधि के रूप में इस्लाम स्वीकार किया था, लेकिन वे भारत की परंपरा पर आज भी गौरव की अनुभूति करते हैं। अपने गौत्र को भारत के ऋषियों के नाम से जोड़कर देखते हैं। पर्व और त्योहारों में उनकी भागेदारी उसी रूप में होती है। वो लोग अगर परंपरागत रूप से संगम में स्नान करने के लिए आते हैं तो कोई बुराई नहीं है। उनका स्वागत है। वो लोग आएं। कहीं कोई समस्या नहीं, लेकिन अगर कोई ये कहने आएगा कि ये भूमि हमारी है और हम लोग इस पर कब्जा करेंगे। मुझे लगता है कि उनको डेंटिंग-पेंटिंग का सामना करना पड़ सकता है।
सीएम ने संभल की जामा मस्जिद पर कहा कि हमारे पुराणों में पांच हजार वर्ष पहले से ही उल्लेख है कि संभल में हरि विष्णु का दसवां अवतार कलकी के रूप में होगा। संभल में आज जो भी देखने को मिल रहा है, वह सभी सनातन धर्म से जुड़ा हुआ है। सीएम ने कहा कि 5 हजार वर्ष पहले धरती पर इस्लाम नहीं था। उस समय केवल सनातन धर्म ही था। उस समय जब इस्लाम था ही नहीं, तो जामा मस्जिद का उल्लेख कैसे होगा। आइन-ए-अकबरी कहती है कि 1526 में श्री हरि विष्णु मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया है। इस गलती को स्वीकार किया जाना चाहिये। उन्हे खुद से दे देना चाहिये।
सीएम ने पूजा स्थल कानून के रिव्यू पर बोले, मुझे लगता है कि माननीय न्यायालय उसको देख रहा है और देखेगा भी। आस्था का जरूर सम्मान होगा। भारत एक आस्थावान देश है, ये महाकुम्भ का आयोजन उस आस्था का एक प्रतीक है, जहां पर देश और दुनिया का हर आस्थावान व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के यहां पर आएगा। सीएम ने जामा मस्जिद मामले पर कहा कि दोनों तरह के साक्ष्य हैं- शास्त्रीय प्रमाण है और आस्था के साक्ष्य हैं। ये प्राप्त होते हैं, मुझे लगता है कि न्यायालय को हस्तक्षेप करने की नौबत न आए, बल्कि इस्लाम के अनुयाइयों को बड़े सम्मानजनक ढंग से कहना चाहिए कि ये आपकी है। आप अपनी अमानत को संभालिए।
सीएम ने इंडी गठबंधन द्वारा लोकसभा चुनाव में दुष्प्रचार पर कहा कि जिन लोगों ने स्वयं संविधान का गला घोंटा है, बाबा साहब ने जो मूल प्रति संविधान सभा में प्रस्तुत किया था और जिसे लागू किया गया था, उसमें कहीं भी सेक्यूलर और सोशलिस्ट शब्द नहीं हैं। ये शब्द तब डाला गया जब देश में आपातकाल लागू था। सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने लोकतंत्र का, संविधान का गला घोंटा था वे लोग संविधान की प्रति हाथों में लेकर लोगों को बेवकूफ बना रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की जनता इन लोगों को समझ गई है और इसीलिए आज सबक सिखा रही है।