Ranchi news: मंकी पॉक्स के बढ़ते मामले को लेकर झारखंड सरकार ने सभी मेडिकल कालेजों और जिलों के सिविल सर्जनों को अलर्ट किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के निदेशक ने मेडिकल कालेजों के प्रचार्यों, अधीक्षकों एवं सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर इसकी सशक्त निगरानी, संभावितों की नियमित जांच तथा उपचार को लेकर आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का अनुपालन करने को कहा है।
51.9 प्रतिशत मामले एचआइवी संक्रमितों के
झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी तथा इसके सभी एआरटी सेंटरों पर निगरानी के निर्देश भी अभियान निदेशक ने दिए हैं। दरअसल, अभी तक विभिन्न देशों में आए मामले में आधे से अधिक यानी कि 51.9 प्रतिशत मामले एचआइवी संक्रमितों के आए हैं। साथ ही 18 वर्ष से 44 वर्ष आयु के युवाओं में अधिक केस देखने को मिले हैं।
जांच को सैंपल एमजीएम, जमशेदपुर भेजने के निर्देश
निदेशक ने मंकी पाक्स के सामान्य लक्षण शरीर में दाने तथा बुखार के आधार पर संभावितों के सैंपल की जांच एमजीएम, जमशेदपुर स्थित माइक्रोबायोलाजी लैब भेजने को कहा है, जो आइसीएमआर- एनआइवी लैब नेटवर्क में आता है। सभी सिविल सर्जनों को अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के सभी संदिग्ध नमूने और समुदाय से संदिग्ध नमूने लैब पुष्टि के लिए भेजने को कहा है।
अस्पतालों में बेड आरक्षित रखने को भी कहा
अभियान निदेशक ने एहतियातन सभी अस्पतालों में न्यूनतम पांच बेड सुरक्षित रखने का आदेश भी दिया है। साथ ही जिला स्तर पर रोग निगरानी इकाई, संदिग्ध/संभावित/पुष्टि मामलों की पहचान, संपर्क ट्रेसिंग और अन्य निगरानी गतिविधियों के लिए संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों तथा चिकित्सकों को प्रशिक्षण देने पर जोर दिया है। संभावित मरीजों की जांच तथा इलाज करते समय सभी संक्रमण नियंत्रण संबंधित सभी प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सभी सिविल सर्जनों को ओपीडी, आइपीडी, त्वचा ओपीडी, टीकाकरण क्लिनिक आदि में संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच सुनिश्चित कराने को कहा है।