Jharkhand News: केंद्रीय सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी पारिवारिक उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण 2023-24 की बात करें तो झारखंड के गांवों में प्रति परिवार किए जानेवाले खर्च में 6.62 प्रतिशत की वृद्धि एक वर्ष में हुई है। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में परिवारों द्वारा खर्च की क्षमता इससे भी अधिक बढ़ी है। शहरी क्षेत्रों में प्रति परिवार होनेवाले खर्च में एक वर्ष में 9.36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति परिवार खर्च की क्षमता औसत 2,763 रुपये मासिक थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 2,946 रुपये हो गई। शहरी क्षेत्रों में औसत उपभोक्ता व्यय की क्षमता 4,931 रुपये मासिक से बढ़कर 5,397 रुपये हो गई है।
राष्ट्रीय औसत व्यय की तुलना में कम खर्च, बड़े राज्यों की तुलना में भी कम
हालांकि, शहरी एवं ग्रामीण दोनों मामलों में यह व्यय अधिकतर बड़े राज्यों की तुलना में काफी कम है। राष्ट्रीय स्तर पर औसत व्यय वर्ष 2023-24 में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में क्रमश: 4,122 रुपये तथा 6,996 रुपये रहा। रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि झारखंड में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में खर्च का अंतर 83 प्रतिशत है, जो काफी अधिक है। हालांकि, दोनों के अंतर को सरकारी योजनाएं पाट रही हैं।
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से निश्शुल्क वितरण होनेवाली राशि या उपभोक्ता सामग्री के आधार पर खर्च का आकलन किया गया तो यह बात सामने आई कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के परिवारों में खर्च की क्षमता बढ़कर क्रमश: 3,056 रुपये और 5,455 रुपये मासिक हो गई है। यानी कि पिछले वर्ष की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च में 3.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि शहरी क्षेत्रों में महज 1.15 प्रतिशत ही हुई।
प्रति परिवार खर्च में सिक्किम सबसे अव्वल, छत्तीसगढ़ सबसे पीछे
रिपोर्ट बताती है ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रति परिवार खर्च का अंतर सबसे अधिक 104 प्रतिशत मेघालय में है। इसके बाद झारखंड (83 प्रतिशत) का स्थान है। छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान (80 प्रतिशत) पर है। विभिन्न राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में व्यय में झारखंड सिर्फ छत्तीसगढ़ से ही आगे है। शहरी क्षेत्रों में व्यय मामले में झारखंड छत्तीसगढ़ के अलावा बिहार से भी आगे है। प्रति परिवार खर्च में विभिन्न राज्यों में सिक्किम सबसे अव्वल तथा छत्तीसगढ़ सबसे फिसड्डी है।