राज्यसभा में मेधा कुलकर्णी ने पेश की रिपोर्ट, विपक्ष ने किया वॉकआउट
New Delhi news : वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा में पेश की गयी। रिपोर्ट को भाजपा सदस्य मेधा कुलकर्णी ने पेश किया। इस दौरान विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। रिपोर्ट में असहमति वाली टिप्पणियों को शामिल नहीं किये जाने का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
जेपीसी रिपोर्ट सदन में पेश होने के बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि रिपोर्ट में असहमति वाली टिप्पणियों को इसमें से हटा दिया गया है। खड़गे ने इसे निंदनीय और अलोकतांत्रिक बताते हुए सदन के सभापति से रिपोर्ट को खारिज करने और इसे वापस भेजने का आग्रह किया। जेपीसी रिपोर्ट को वापस भेजने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। कर्नाटक से कांग्रेस के सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि रिपोर्ट से उनके असहमति नोट हटा दिये गये हैं। जेपीसी सदस्यों के बीच कोई चर्चा नहीं हुई।
खड़गे के दावों का विरोध करते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि असहमति वाले नोट रिपोर्ट के परिशिष्ट में शामिल हैं। उन्होंने विपक्ष पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से कोई कटौती या निष्कासन नहीं किया गया है। विपक्ष एक अनावश्यक मुद्दा बना रहा है। वक्फ विधेयक में क्या बदलाव हैं ? विधेयक में कुछ प्रमुख बदलाव शामिल हैं, जैसे राज्य वक्फ बोर्डों में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्य होना और यह तय करने के लिए एक सरकारी अधिकारी को शामिल करना कि कोई सम्पत्ति वक्फ सम्पत्ति है या नहीं। वक्फ विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों के प्रबंधन के तरीके को बदलना है। ये बोर्ड मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दान की गयीं सम्पत्तियों की देखरेख के लिए जिम्मेदार है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस रिपोर्ट में किसी भी सदस्य की असहमति या किसी इनपुट को हटाया नहीं गया है। इस सदन में झूठ फैलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। सम्बन्धित मंत्री ने सदन में स्पष्ट बयान दिया है। इस सदन को निष्क्रिय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह बहस, संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श का घर है। इस सदन द्वारा लिया गया निर्णय अंतत: बहस और विचार-विमर्श के आधार पर लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप होगा।
संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच तीन सदस्य वेल तक पहुंच गये। इसको लेकर सभापति ने कहा कि यह गम्भीर मामला है। इसमें उदारता दिखाने का मतलब संविधान के निर्माताओं का अनादर करना है। इस पर सदन के नेता जेपी नड्डा ने विपक्ष पर गम्भीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। कुछ लोग भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस और विपक्ष उन लोगों के हाथ मजबूत करने का काम कर रहे हैं, जो देश को ‘कमजोर’ करना चाहते हैं।
जेपीसी की पूरी रिपोर्ट पेश की गयी, विपक्ष की आपत्तियां गलत : किरेन रिजिजू
केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में पेश किये गये वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट में विपक्ष की आपत्तियों को शामिल नहीं किये जाने के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के तहत पूरी रिपोर्ट को पेश किया गया है। केवल समिति और अध्यक्ष के बारे में की गयीं टिप्पणियों को अध्यक्ष ने अपने अधिकार का उपयोग कर हटाया है।
रिजिजू ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि आज वक्फ संशोधन विधेयक से सम्बन्धित रिपोर्ट को दोनों सदनों में पेश किया जाना था। आज पहले इसे राज्यसभा में पेश किया गया। विपक्ष ने इस पर आपत्ति जतायी कि इसमें उनकी आपत्तियों को शामिल नहीं किया गया है। विपक्ष का आरोप गलत है। उन्होंने राज्यसभा में भी इसकी जानकारी दी और बताया कि रिपोर्ट में सभी के पक्ष शामिल किये गये हैं। अगर समिति या अध्यक्ष के बारे में कोई आक्षेप लगाया जाता है, तो अध्यक्ष के पास उसको हटाने का अधिकार है और उन्होंने इसका उपयोग करके कुछ टिप्पणियों को हटाया होगा। समिति के सदस्य उस पर भी अपील कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट राजग की रिपोर्ट नहीं है, बल्कि यह संसद की रिपोर्ट है और इसे अवैध या असंवैधानिक बताना पूरी तरह से गलत है।