Ranchi news : भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा है कि सुख-समृद्धि और आरोग्य से सम्बन्धित हमारा सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार धनतेरस-दीपावली है। इस अवसर पर सनातनी लगातार 05 दिनों तक दीप प्रज्वलित करते हैं और यह दीपक हमारी आत्मा, हमारा जीवन, मन, बुद्धि और भविष्य को प्रकाशित करता है। इस प्रकाशमय दीपक में सनातन का भी भाव आना चाहिए। भारतवर्ष देवों-ऋषियों की भूमि रही है। हमारी परम्परा विश्वभर में प्रख्यात है। ऐसे में हमारे त्योहार में हमारी ही सामग्री का उपयोग होना चाहिए।
स्वामी जी ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा शत्रु चाइना है। चीन स्वभाव से ही और अधार्मिक, विस्तारवादी एवं दुष्ट प्रवृत्ति का रहा है। चीन ही मात्र एक ऐसा देश है, जो किसी भी धर्म-सम्प्रदाय, पूजा-पद्धति को नहीं मानता है, अमानवीय कृत्य और राक्षसी प्रवृत्ति से परिपूर्ण है। किन्तु, विज्ञान के क्षेत्र में दक्षता हासिल की है, वह भी बहुत ही धूर्तता (यूज एंड थ्रो) के साथ। स्वामी जी ने यह भी कहा कि चीन का सबसे बड़ा बाजार भारतवर्ष है। वह समझ चुका है कि भारत के लोग सीधे, सरल और आध्यात्मिक हैं। हमारी रुचि के अनुसार वह सस्ती वस्तुओं का निर्माण कर हमें निर्यात करता है और हम जाने-अनजाने उसकी वस्तुओं को खरीदते हैं। हमें ज्ञात होना चाहिए कि भारत से कमाये हुए धन को वह अपने रक्षा मद में खर्च करता है। स्पष्ट है कि चीन का शत्रु सीधा-सीधी भारतीय सैनिक हैं। अब यह स्पष्ट है कि हमारे सैनिक भाइयों को मारने की मंशा से वह हथियार पर खर्च करता है, हमारे ही पैसे को लेकर।
स्वामी जी ने कहा कि जाने-अनजाने में हम भी देशद्रोह कर रहे हैं, इस पाप से बचने के लिए हमें चीनी उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए।