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मप्र विस चुनाव : भाजपा ने मध्यप्रदेश को बीमारू से बेमिसाल राज्य बनाया: निर्मला सीतारमण

मप्र विस चुनाव : भाजपा ने मध्यप्रदेश को बीमारू से बेमिसाल राज्य बनाया: निर्मला सीतारमण

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Madhya Pradesh assembly election, Madhya Pradesh news, Bhopal News : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मध्यप्रदेश की वर्ष 2003 से पहले की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। तब मध्यप्रदेश की गणना देश के एक बीमारू राज्य के रूप में होती थी, लेकिन 2003 में भाजपा के सत्ता संभालने के बाद प्रदेश का तेजी से विकास किया गया और आज मध्यप्रदेश एक बेमिसाल राज्य बन गया है। केन्द्रीय मंत्री सीतारमण गुरुवार को भोपाल में भाजपा मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता का सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि बीमारू राज्य से बेमिसाल राज्य आसानी से नहीं हुआ। 2003 से 2014 तक प्रदेश की भाजपा सरकार और 2014 से भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने विकास करके मध्यप्रदेश को बेमिसाल राज्य बनाया। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद मप्र के ऋण अनुपात को 31 प्रतिशत से घटाकर 27 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। भाजपा सरकार में मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर तीन प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति आय 12 गुना तक बढ़ गयी है।

भाजपा सरकार ने विकास के पांच सूत्र

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने विकास के पांच सूत्र (5-जी) के जरिये विकास करके मध्यप्रदेश को बेमिसाल राज्य बनाया है। यह भाजपा की सरकार ही कर सकती है। कांग्रेस जब सत्ता में आती है, तो वह प्रदेशों के विकास के बजाय उन्हें अपने एटीएम की तरह इस्तेमाल करती है। कर्नाटक का हाल आप देख ही रहे हैं। भाजपा की सरकार में विकास में अग्रणी राज्यों में शामिल रहा कर्नाटक आज किस स्थिति में पहुंच गया है।

ग्रोथ, गुड गवर्नेंस, गुडविल, गारंटी और गरीब कल्याण विकास के मूल मंत्र

सीतारमण ने कहा कि ग्रोथ यानी विकास, गुड गवर्नेंस यानी सुशासन, गुडविल यानी जनता की शुभेक्षा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गारंटी और गरीब कल्याण ही मूल मंत्र हैं, जिसके तहत भाजपा देश और प्रदेशों का विकास कर रही है। इन्हीं 5जी के तहत कार्य करके मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से बेमिसाल राज्य बनाया है। मध्यप्रदेश में लगभग 2.67 करोड़ मुद्रा खातों में 1.4 लाख करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं, जिनमें 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मध्यप्रदेश के पांच करोड़ से अधिक लाभार्थियों को पांच किलो मासिक नि:शुल्क राशन मिल रहा है, जिसे प्रधानमंत्री ने पांच वर्षों के लिए और बढ़ा दिया है।

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