Guwahati news : गुवाहाटी में शुक्रवार को हुए एक खास कार्यक्रम में असम की सियासत ने नया मोड़ लिया, जब लगभग 500 नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया। इस मौके पर टीएमसी सांसद सुष्मिता देव और असम टीएमसी अध्यक्ष रमन बोरठाकुर की मौजूदगी रही। कांग्रेस, असम गण परिषद (एजीपी), असम जातीय परिषद (एजेपी) और भाजपा समेत कई पार्टियों के नेताओं का टीएमसी में शामिल होना मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
सुष्मिता देव ने कहा कि इन नेताओं को उनकी पार्टियों में नजरअंदाज किया जा रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने टीएमसी का रुख किया। उन्होंने जोर देकर कहा, “टीएमसी एक जमीनी कार्यकर्ताओं की पार्टी है और हम असम में एक मजबूत टीम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के खिलाफ कांग्रेस से सीधी लड़ाई में भाजपा जीतती है, लेकिन जब लड़ाई टीएमसी, डीएमके या समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियों से होती है, तो भाजपा हारती है। इसलिए असम के लोगों को राष्ट्रीय पार्टियों की बजाय क्षेत्रीय पार्टियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।”