सुरक्षाबलों की गोली से प्रदर्शनकारी की मौत, 2 दिन स्कूल बंद
New Delhi news : मणिपुर में शनिवार रात भड़की हिंसा के बाद स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। जिरिबाम जिले में रविवार को एक मैतेई प्रदर्शनकारी की पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। इसके बाद हालात और खराब हो गए हैं। इसे देखते हुए राज्य के स्कूलों में में दो दिन के लिए छुट्टी कर दी गई है। आर्मी, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, मणिपुर पुलिस और राज्य के कमांडो इंफाल और बाहरी इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने अब बड़ा कदम उठाया है। इस बार ‘ऑल आउट’ एक्शन प्लान का फार्मूला तैयार किया गया है। देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ को लीड रोल में रखा जाएगा।
केंद्र सरकार में विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर में 24 घंटे ऑपरेशन चलेगा। विद्रोहियों और हिंसक वारदातों में शामिल लोगों को उनके ठिकानों से बाहर निकाला जाएगा। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में अर्धसैनिक बलों के 2,500 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की थी। केंद्रीय बलों की 20 कंपनियों में से सीआरपीएफ की 15 और बीएसएफ की पांच कंपनियां शामिल थीं। अब बच्चों व महिलाओं सहित छह लोगों की मौत के बाद सीआरपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियों को मणिपुर भेजा जा रहा है। इसके बाद सेना, लोकल पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों की संख्या लगभग एक लाख के पार पहुंच जाएगी।
मणिपुर में सात नवंबर से लेकर अब तक लगभग बीस लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और आगजनी की वारदात हो रही हैं। गुस्से में आए लोगों ने मुख्यमंत्री और दस विधायकों के घरों को भी नहीं बख्शा। नतीजा, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 नवंबर को इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई व लामसांग, इंफाल पूर्व में लामलाई, बिष्णुपुर में मोइरांग, कांगपोकपी में लीमाखोंग और जिरीबाम जिले में जिरीबाम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम ‘अफ्स्पा’ लागू कर दिया गया है। सीआरपीएफ डीजी अनीश दयाल सिंह मणिपुर पहुंच चुके हैं। राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि 14 नवंबर को जिन क्षेत्रों में ‘अफ्स्पा’ लागू किया है, उसे जनहित में वापस लिया जाए।
सूत्रों ने बताया, जो ‘ऑल आउट’ एक्शन प्लान तैयार किया गया है, उसमें विद्रोहियों को उनके ठिकानों पर दबिश देकर दबोचा जाएगा। इस मामले में केंद्रीय खुफिया एजेंसी की बड़ी मदद ली जा रही है। मणिपुर में कितने सशस्त्र समूह सक्रिय हैं, उनके पास कौन से हथियार हैं, छिपने का ठिकाना और म्यांमार से लगते सीमावर्ती इलाकों में उनकी पहुंच, ये सभी जानकारी जुटा ली गई है। सेना, असम राइफल और सीएपीएफ के जवान, बॉर्डर के निकटवर्ती क्षेत्रों में छापामारी करेंगे। बाकी सुरक्षा बल, अंदर के क्षेत्रों में उपद्रवियों से निपटेंगे। इस ऑपरेशन के तहत, मणिपुर में तैयार किए गए बफर जोन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
इससे पहले सितंबर के दौरान मणिपुर में जातीय संघर्ष के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने ‘सीआरपीएफ’ की दो नई बटालियनों की तैनाती का निर्देश दिया था। दो हजार से अधिक सीआरपीएफ जवानों को विभिन्न इलाकों में तैनात किया गया है। एक बटालियन, वारंगल से और दूसरी लातेहार से रवाना की गई थी। मणिपुर में सीआरपीएफ जवानों को ड्रोन गन प्रदान की गई हैं। इसकी मदद से ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) को जाम किया जा सकता है।