Bilaspur news : 120 साल पुराना है बिलासपुर शहर की न्यू रेलवे कॉलोनी में स्थित मरीमाई माता का मंदिर। शुरू से ही एक प्रमुख धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है यह मंदिर। यह प्राचीन मंदिर रेलवे क्षेत्र से सटे जंगल के किनारे स्थित है। इसके सामने एक तालाब भी है। मान्यताओं के अनुसार, यहां की गई प्रार्थनाएं और मनोकामनाएं कभी खाली नहीं जातीं। जिन्हें संतान नहीं होती या होने में देर होती है, उनकी मनोकामना यहां जरूर पूरी होती है। मंदिर की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नि:संतान दंपती यहां आकर माता से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। श्रद्धालु एके मुखर्जी और मंजू मुखर्जी का कहना है कि माता के दरबार में जो भी सच्चे मन से आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
धरती के भीतर से प्रकट हुई थी मां
कहां जाता है कि मां त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमा का चमत्कारिक इतिहास 1901 का है, जब यह प्रतिमा धरती के भीतर से प्रकट हुई थी। एक साधारण शिला के रूप में मिली इस प्रतिमा की स्थापना रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी स्वर्गीय श्री सदानंद आचारी ने की थी, जिन्हें माता ने सपने में दर्शन दिए थे।