Hazaribagh news : हजारीबाग में रविवार को आयोजित सनातन धर्म के जाति प्रमुखों की बैठक में ईसाई मिशनरियों द्वारा ईसा मसीह की प्रार्थना के लिए प्रयोग किए जा रहे सनातन परम पिता परमेश्वर शब्द और चंगाई सभा की जगह सत्संग शब्द पर कड़ी आपत्ति जताई गई। सामाजिक समरसता के बैनर तले आयोजित बैठक में मतांतरण प्रभावित प्रखंड इचाक, पदमा, दारु, कटकमसांडी, सदर, नगर, बड़कागांव और केरेडारी के जाति प्रमुखों के अलावा जिलाध्यक्ष और सचिव बुलाए गए थे।
सत्संग के नाम पर बुलाकर लोगों में भरा जा रहा जहर
बताया गया कि जिले में मतांतरण किस तरह से हो रहा है। किस तरह से सत्संग शब्द का प्रयोग किया जा रहा है। महिलाओं को भरमाया जा रहा रहा है। आरोप लगाया गया कि ईसाई संगठन सत्संग के नाम पर बुलाकर सनातन धर्म के प्रति लोगों के मन में जहर भर रहे हैं। पदमा से लेकर केरेडारी के बुंडू तक मतांतरण विरोधी अभियान की जानकारी भी साझा की गई।
इचाक में 500 से अधिक परिवार बन चुके हैं ईसाई
बताया गया कि मेहता जाति बहुल इचाक में 500 से अधिक परिवार ईसाई बन चुके हैं। इनमें 300 मेहता, 100 रविदास और 100 अन्य जाति के लोग शामिल हैं। इसी तरह पदमा और कटकमसांडी में यादव, बढ़ई, मेहता, भुईयां और रविदास जाति द्वारा मतांतरण विरोधी अभियान चलाने की जानकारी दी गई। सदर प्रखंड के सिलवार में स्थापित चर्च, चुरचू से संचालित मतांतरण अभियान, दारु के पिपचो मिशन स्कूल द्वारा शिक्षा और बीमारी भगाने के नाम पर कराए गए मतांतरण की सूची उपलब्ध कराई गई।