New Delhi news : देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मदरसा बोर्ड के लिए फंडिंग बंद करने की सिफारिश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को संबोधित एक पत्र में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने यह भी सलाह दी कि वर्तमान में मदरसों में नामांकित गैर-मुस्लिम बच्चों को शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 के अनुरूप मुख्यधारा के स्कूलों में ले जाया जाए।
तैयार रिपोर्ट के आधार पर सिफारिश
मुस्लिम बच्चों की शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने के बाद तैयार रिपोर्ट के अनुसार यह सिफारिश की गई है। कानूनगो के मुताबिक, इस रिपोर्ट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करने के लिए एक रोड मैप तैयार करना है कि भारत में सभी बच्चे एक सुरक्षित और उत्पादक वातावरण में बड़े हों ऐसा करने से वे अधिक समग्र और प्रभावशाली तरीके से राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त होंगे।
9 सालों से आयोग ने किया अध्ययन
प्रियांक कानूनगो ने बताया कि आयोग ने पिछले नौ वर्षों से इस मुद्दे का अध्ययन किया है और शोध किया है कि कैसे मदरसों के कारण मुस्लिम समुदाय के बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, जिसमें उनके अधिकारों के उल्लंघन का विवरण दिया गया है। हमने इस मामले पर मुख्य सचिवों को पत्र के माध्यम से रिपोर्ट भेजी है और उनसे अपने-अपने राज्यों में मदरसा बोर्ड को बंद करने का अनुरोध किया है।